बालाघाट- कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच बेड और ऑक्सीजन की कमी देखने को मिल रही है.
मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के पांढरवानी लालबर्रा गांव के व्यापारी की बेटी को जिला मुख्यालय में ठीक से इलाज नहीं मिला तो ग्रामीणों ने गांव में ही कोविड केयर सेंटर खोलने की मांग की. और स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में कॉलेज के बालिका छात्रावास में 30 बिस्तर का कोविड सेंटर खुल गया.
ग्रामीणों ने सहयोग कर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, कूलर, पीपीई किट सहित अन्य व्यवस्थाएं जुटाईं. सरकारी चिकित्सक दिन में दो बार मरीज देखने आते हैं. ग्रामीणों ने खुद के खर्च पर सहायक और सफाईकर्मी भी रखे हैं. गांववाले मरीजों के दोनों वक्त के नाश्ते व खाने की भी व्यवस्था कर रहे हैं.
30 बिस्तर के साथ आक्सीजन कंसंट्रेटर की भी व्यवस्था
पांढरवानी लालबर्रा के प्रशांत जैन ने बताया कि व्यापारी की 19 वर्षीय बेटी को संक्रमित होने पर गत 18 अप्रैल को जिला अस्पताल लाया गया था. एक घंटे इंतजार के बाद वह भर्ती हो पाई. दस दिन तक भर्ती रहने के दौरान यहां पर खाने की समस्या हुई.
इसके साथ ही गांव से बालाघाट की दूरी 26 किमी है. आसपास ज्यादा संक्रमित मामलों को देखते हुए गांव में कोविड सेंटर खोलने की मांग की और यहां कोविड सेंटर शुरू किया गया.
स्थानीय लोगों प्रशांत जैन, प्रसन्न अवधिया, अंकुर व अंकुश अग्रवाल ने डिजिटल माध्यमों का उपयोग करते हुए जन सहयोग जुटाया, उन्होंने कुल 12 लाख रुपये जुटाए. 13 दिन में अब तक आठ लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं.
ग्रामीणों ने ही जबलपुर, नागपुर, अहमदाबाद व अन्य शहरों से 25 आक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनें मंगवाई.
सात ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था भी ग्रामीणों ने की. एक जनरेटर भी किराए पर लगवाया.
खुद के खर्च पर तीन सहायक नौ-नौ हजार और दो सफाईकर्मी छह-छह हजार रुपये के वेतन पर रखे.
कोविड सेंटर में अभी तक कोई मौत नहीं हुई है और अब तक 105 मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं.
अभी कोविड सेंटर में 24 मरीजों का इलाज चल रहा है. किसी को अब तक रेफर करने की नौबत नहीं आई है. पंचायत के 20 वार्ड में 12 सौ मकान और दस हजार की आबादी है. दिन में दो बार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से डॉक्टर चेक करने आते हैं. साथ ही दवाएं और ऑक्सीजन भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी जाती है.
बालाघाट के सीएमएचओ डॉ. मनोज पांडेय ने कहा कि पांढरवानी लालबर्रा में ग्रामीणों ने जनसहयोग से कोविड सेंटर खोलने की पहल की है. स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर भी मरीजों का इलाज करते हैं. इस आपदा में जनसहयोग मिलना सराहनीय है.