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मरकज से निकला मौत का तबलीगी फरमान

मरकज से निकले जमातियों ने बढ़ाई देश की मुसीबत

देश के सामने कोरोना ने उजागर किया जमातियों का असली चेहरा

नरेंद्र कुंडू

हरियाणा. देश में कोरोना महामारी को पोषित व संरक्षित करने में निजामुद्दीन के तबलीगी जमातियों ने अहम भूमिका निभाई है. मरकज से निकले जमातियों ने एकाएक देश की मुसीबत बढ़ा दी. देश में एकदम तेजी से बढ़े कोरोना के ग्राफ को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे निजामुद्दीन मरकज से जमाती नहीं, बल्कि मौत का तबलीगी फरमान निकला हो. इन जमातियों का असली चेहरा तो देश की जनता के सामने उस समय आया, जब इनको मरकज से निकाला जा रहा था. दिल्ली पुलिस द्वारा जब इन जमातियों को मरकज से निकाल कर अस्पतालों में शिफ्ट किया जा रहा था तो इन जमातियों ने पुलिस कर्मियों व वहां मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों पर थूकना शुरू कर दिया. ताकि उनके शरीर में मौजूद कोरोना वायरस को फैलने का मौका मिल सके.

मरकज से निकलने के बाद तो इन जमातियों ने सारी हदें पार कर दी. मामला यहीं नहीं रूका. मरकज से निकलने के बाद शुरू हुआ इन जमातियों का असली खेल. मरकज से निकलने के बाद इन जमातियों ने अपना चैकअप करवाने की बजाय खुद को छिपाना शुरू कर दिया. जब स्वास्थ्य विभाग की टीम पुलिस के साथ मिलकर जगह-जगह से इन जमातियों को ढूंढकर निकालने का प्रयास करने लगी तो जमातियों व इनके परिजनों द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों व पुलिस पर हमला करने के मामले सामने आने लगे. जबकि स्वास्थ्य विभाग की टीम तो इनकी व समाज की भलाई के लिए ही इनको अस्पताल पहुंचाने का काम कर रही थी. देश में कई स्थानों पर जमातियों द्वारा स्वास्थ्य व पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट करने की घटनाएं सामने आई. बात यहीं पर नहीं रूकी, जब कोरोना संक्रमण से पीडि़त इन जमातियों को अस्पताल में आईसुलेट किया गया था तो इस दौरान आईसुलेट हुए इन जमातियों ने महिला चिकित्सकों व नर्सों के सामने अश्लील हरकतें व अभद्रता करनी शुरू कर दी. क्वारंटाइन के दौरान जमातियों द्वारा खाने की भी विशेष मांग की गई. जमातियों ने लंगर का खाना खाने की बजाय स्पेशल बिरयानी की मांग करनी शुरू कर दी. नरेला के एक अस्पताल में एक जमाती द्वारा अपने वार्ड के आगे शौच किए जाने का मामला भी सामने आया.

लॉकडाउन के दौरान बापौली में स्थित मस्जिद में काफी संख्या में नमाज पढ़ रहे मुस्लिम समुदाय के लोग रोकने के लिए पुलिस पहुंची तो उन्होंने पुलिस पर हमला बोल दिया. पंचकूला में जब कोरोना संक्रमण से पीड़ित जमातियों की जांच करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम गई तो वहां भी जमातियों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हमला कर दिया. इंदौर में भी इसी तरह की घटना सामने आई. भिवानी के गांव देवराला में एक जमाती द्वारा कोरोना संक्रमण को फैलाने की नीयत से बैंक की पास बुक को चाट कर थूक लगाने की घटना सामने आई. चरखी दादरी जिले के गांव हिंडोल में संक्रमण से पीडि़त जमाती द्वारा जानबूझ कर गांव के लोगों से मिलना, उनके साथ बैठकर हुक्का व चाय पीने का मामला सामने आया. इसके बाद देश-प्रदेश के कई हिस्सों से फल-सब्जियों के कारोबार से जुड़े मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा कोरोना संक्रमण को फैलाने की नीयत से फल व सब्जियों पर थूक लगाने तथा नोटों पर भी थूक लगाने की कई घटनाएं सामने आई.

गांव के लोग जब गांव में मौजूद मुस्लिम समुदाय के लोगों से उनके घर पर किसी बाहर से आने वाले व्यक्ति के बारे में पूछताछ के लिए जाते तो यह लोग उल्टे गांव के लोगों पर झूठे आरोप लगाकर मुकद्दमा दर्ज करवाने लग गए. पानीपत व अन्य जिलों के कई गांवों में इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं. देश-प्रदेश में आए दिन सामने आ रही तरह-तरह की घटनाएं हमें यह सोचने पर मजबूर कर रही हैं कि कहीं कोरोना वायरस को फैलाने की साजिश निजामुद्दीन मरकज में ही तो नहीं रची गई. क्योंकि देश में कोरोना संक्रमण को बढ़ाने में जमात सबसे बड़ा माध्यम बनी है. अकेले हरियाणा में कोरोना संक्रमण के अभी तक 165 मामले सामने आए हैं, इनमें से 110 एक्टिव केस जमाती हैं.