नई दिल्ली:- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत की किताब ‘भविष्य का भारत’ के ऊर्दू संस्करण ‘मुस्तकबिल का भारत’ का विमोचन करते हुए सह-सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल ने कहा है संघ को लेकर समाज में फैले भ्रम को दूर करना हमारी जिम्मेदारी है।
संघ के बारे में सवाल और जिज्ञासाएं होना स्वाभाविक है। मुस्लिम बंधुओं के सवालों का हम स्वागत करेंगे और जवाब देने की कोशिश करेंगे। सवाल करना भारत की प्राचीन परंपरा है। यहां इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में सोमवार को ‘मुस्तकबिल का भारत’ पुस्तक का विमोचन करते हुए डॉ. कृष्णगोपाल ने देश की एकता पर जोर देते हुए कहा कि,
“यहां रहने वाले 135 करोड़ लोग एक हैं। कोई बंटवारा नहीं चाहता है। देश और समाज के प्रति ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारियों को निभाने वाला व्यक्ति देशभक्त है।” उन्होंने हिंदू और हिंदुत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि हिंदू कोई रिलीजन नहीं है, यह ऐसा प्लेटफॉर्म है,
जिस पर हजारों धर्म और पंथ खड़े हो सकते हैं। हिंदू एक पूजा-पद्धति नहीं है। अगर कोई पूजा नहीं करता तो भी वह हिंदू है। हिंदू संघर्ष नहीं समन्वय में विश्वास रखता है। हिंदू समन्यवादी होता है। यह खबर भी पढ़ें: शादीशुदा होकर भी कुंवारी मानी गई ये महिलाएं,
जानिए इनका बड़ा राज संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत की किताब ‘भविष्य का भारत’ का ऊर्दू अनुवाद नेशनल काउंसिल फॉर प्रमोशन ऑफ उर्दू लैंग्वेज के निदेशक शेख अकील अहमद ने किया है।
दरअसल, वर्ष 2018 में दिल्ली के विज्ञान भवन में संघ प्रमुख मोहन भागवत का ‘भविष्य का भारत’ विषय से तीन दिनों तक लेक्च र सीरीज आयोजित हुआ था। इस लेक्चर सीरीज में दिए भाषणों का किताब में संग्रह है।