श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण हेतु 1 फरवरी से होने जा रहे सघन धन संग्रह अभियान की सभी तैयारियां जोरों से चल रही है. महाकोशल प्रांत के सभी 24000 गाँव के प्रत्येक घर तक पहुंचने का लक्ष्य है।
इसके अंतर्गत, 2500 से अधिक पूर्णकालिक हैं, जिसमें महिलाएं भी सम्मिलित हैं इन्हें रामसेवक कहा गया है, ये सभी 7 दिन से लेकर 30 दिन तक का समय अपने घर से दूर जहां योजना हुई है, निकल पड़े हैं। इसके आलावा 3 से 4 हजार ऐसे भी कार्यकर्ता हैं जो न्यूनतम 3 दिन के लिए अपना घर छोड़कर इस अभियान में समय दे रहे हैं।
जगह जगह कार्यालयों का उद्घाटन, विभिन्न स्तरों (विभाग, जिला, खण्ड, मण्डल) पर किया गया है. उक्त कार्यालयों में राम सेवकों का प्रशिक्षण व महिलाओं के सम्मेलन समेत अनेकानेक कार्य किए जा रहे हैं.
विभाग, जिला और खण्ड स्तर पर बैठकों के साथ-साथ ग्रामीण स्तर पर भी बैठक करके कार्यकर्ताओं को जनजागरण व धन संग्रह सम्बंधी जानकारी व साहित्य उपलब्ध कराया जा रहा है, ताकि प्रत्येक गांव के प्रत्येक व्यक्ति से प्रभु श्रीराम के भव्य मन्दिर हेतु समर्पण राशि प्राप्त की जा सके.
राम मंदिर निर्माण के लिए धन संग्रह व जनजागरण के लिए बनाई गई टोलियों द्वारा अपने-अपने स्तर पर विशुद्ध सेवा भाव से कार्य किए जा रहे हैं.
धन संग्रह टोली घर-घर जाकर श्रीराम मन्दिर निर्माण हेतु समाज से समर्पण राशि ग्रहण कर रही है।
इसके अतिरिक्त सम्पूर्ण महाकोशल प्रांत के विभिन्न स्थानों पर बाइक रैली व राम धुन द्वारा जनजागरण का कार्य भी किया जा रहा है. जनजागरण में संगठन के अतिरिक्त समाज के लोगों का भी बढ़ चढ़कर सहयोग प्राप्त हो रहा है.
15 जनवरी से प्रारंभ हुए इस अभियान में अब तक, सतना, रीवा, पन्ना, छतरपुर, मण्डला, बालाघाट, छिंदवाड़ा समेत अन्य जिलों में बाइक रैली के माध्यम से जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें हजारों की संख्या में बाइक चालक सम्मलित हो रहे हैं.
इसके अतिरिक्त जबलपुर, कटनी, डिंडौरी, पन्ना, सतना, अनूपपुर, सिंगरौली, उमरिया, सागर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, नरसिंहपुर समेत अनेक स्थानों में ढोल, नगाड़ों के साथ जनयात्रा निकालकर, लोगों को राम मन्दिर निर्माण हेतु जागृत करने का कार्य किया जा रहा है. इसमें समाज के लोग विशेषकर नारी शक्ति द्वारा बढ़ चढ़कर भाग लिया जा रहा है.
धन संग्रह अभियान में समाज के किसान, व्यापारी, समाजसेवी, शिक्षक, चिकित्सक, वकील इत्यादि के अलावा आम मेहनतकश वर्ग जिस तरह से आगे आकर समर्पण कर रहा है, वह अभूतपूर्व है. बूढ़े, बुजुर्ग, बच्चे, महिलाएं सभी अपनी बचत से क्षमता से अधिक समर्पण करने के लिए आगे आ रहे हैं.
महाकोशल प्रांत के सभी 34 ज़िलों में धन संग्रह अभियान की शुरुआत वैसे तो हो गई है, लोगों में समर्पण करने का जबरदस्त उत्साह दिख रहा है. कोई अपनी 1 माह का पेंशन तो कोई अपनी जमा पूँजी से समर्पण कर रहे हैं. छोटे छोटे बच्चे भी अपनी गुल्लक समर्पित कर रहे हैं.
यही नही, जिन स्थानों में धन संग्रह टोली नही पहुंच पा रही है, वहां के लोग धन संग्रह कार्यालय पहुंच कर समर्पण राशि प्रदान कर रहे हैं.
कुल मिलाकर देखें तो सम्पूर्ण समाज राममयी हो चुका है, रामधुन, जनजागरण, वाहन रैली, धन संग्रह जैसे विशाल कार्यों को देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे कि प्रभु श्रीराम का मन्दिर निर्माण नही बल्कि राज्याभिषेक होने जा रहा हो.