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जबलपुर में संपन्न होने जा रहा है, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 67 वां राष्ट्रीय अधिवेशन

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 67 वां राष्ट्रीय अधिवेशन 24 से 26 दिसंबर 2021 संस्कारधानी जबलपुर में संपन्न होने जा रहा है। जिसमें देशभर के समस्त प्रांतों  से  विद्यार्थी परिषद के 700 प्रतिनिधि कार्यकर्ता सहभागिता करेंगे। इन कार्यकर्ताओं में भारत के मुकुट मणि कश्मीर से लेकर भारत माता के पग पखार रहे दक्षिण के अंचल कन्याकुमारी तक के पश्चिम के प्रान्त गोवा से लेकर पूर्व के अरुणाचल प्रदेश तक एवं पड़ोसी राष्ट्र नेपाल, भूटान ,बांग्लादेश एवं अन्य देश के अतिथि प्रतिनिधि सहभागिता कर रहे हैं। अधिवेशन स्थल पर 24 से 26 दिसंबर तक लघु भारत के दर्शन होंगे तथा प्रतिनिधि कार्यकर्ता सांस्कृतिक आदान-प्रदान के संवाहक के रूप में उपस्थित होंगे।

महाकौशल प्रांत में छह दशक के पूर्व 1956 में सागर तथा 1960 में जबलपुर में राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन हुआ था। लगभग 60 वर्ष पश्चात जबलपुर को पुनः अतिथ्य का अवसर मिला है।

राष्ट्रीय अधिवेशन में कार्यक्रमों की रूपरेखा संचालन समिति के द्वारा तैयार की गई है, जिसमें 23 तारीख को प्रदर्शनी उद्घाटन के साथ ही अधिवेशन अपना औपचारिक स्वरूप प्राप्त करेगा एवं 24 को शाम 4:00 बजे राष्ट्रीय अधिवेशन का विधिवत उद्घाटन नोबेल पुरस्कार विजेता सामाजिक कार्यकर्ता श्री कैलाश सत्यार्थी जी राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री छगनभाई पटेल, राष्ट्रीय महामंत्री सुश्री निधि त्रिपाठी जी, राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री आशीष चौहान जी एवं अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति में होगा। दिनांक 25 को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के समस्त प्रांत के प्रतिनिधि कार्यकर्ता अपनी संस्कृति परिवेश में शोभा यात्रा का आयोजन रहेगा। 26 को अधिवेशन का समापन होगा  समापन में आगामी कार्यक्रमों की घोषणा एवं राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की घोषणा होगी तत्पश्चात राष्ट्रीय संगठन मंत्री का समापन उद्बोधन और अधिवेशन का समापन होगा।

रानी दुर्गावती के नाम में बताया जाएगा नगर- विद्यार्थी परिषद का यह अधिवेशन सिविल लाइन पशु चिकित्सा महाविद्यालय के मैदान में संपन्न होगा, महाविद्यालय के प्रांगण को समतलीकरण के पश्चात अधिवेशन का सभागार, प्रदर्शनी, भोजन व्यवस्था, अतिथि कक्ष, साहित्य स्टॉल का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण कार्य को अंतिम स्वरूप देकर इस समूचे नगर का नाम गढ़ मंडला की रानी एवं मुगलों के विरुद्ध युद्ध करने वाली वीरांगना रानी दुर्गावती जी के नाम पर रखा गया है।

अमृतलाल वेगड़ के नाम पर बनेगा सभागार- इस अधिवेशन में पूरे सत्र जिस पंडाल में चलने वाले हैं, उस पंडाल का नाम साहित्यकार एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु अपनी लेखनी एवं चित्रों के माध्यम से उल्लेखनीय कार्य करने वाले नर्मदा व्रती स्वर्गीय अमृतलाल वेगड़ जी के नाम पर रखा गया है।

शहीद रमन  बख्शी के को समर्पित होगा प्रदर्शनी सभागार- 67 वें राष्ट्रीय अधिवेशन में एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा, जिसका उद्घाटन 23 दिसंबर को शाम में होगा प्रदर्शनी हेतु बनाए गए कक्ष को 11वीं जैक राइफल में कमीशंड अधिकारी के रूप में रहे और जबलपुर की माटी में जन्मे 22 सितंबर 1965 को भारत पाक युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए शहीद कैप्टन रमण बख्शी जी को समर्पित होगा।

16 गटो एवम 68  विभागों में बटी  व्यवस्था  250  कार्यकर्ता लगे व्यवस्था में- अधिवेशन को लेकर जबलपुर एवं महाकौशल प्रांत के कार्यकर्ताओं में उत्साह का वातावरण है। अधिवेशन की व्यवस्था को अंतिम स्वरूप देने का काम भी चल रहा है। अधिवेशन की विभिन्न व्यवस्थाओं को जैसे कार्यालय, निवास, बैठक, यातायात, अतिथि जैसे 16 गट एवं 68 विभागों में वर्गीकृत किया गया है। एवं विभागों में दो सौ से अधिक कार्यकर्ता सक्रियता पूर्वक व्यवस्था में लग चुके है।

लघु कोष वस्तु संग्रह से समाज से चल रहा सहयोग- अधिवेशन को सुचारू रूप देने एवं देश भर से आ रहे कार्यकर्ता प्रतिनिधि की व्यवस्था हेतु महानगर के कार्यकर्ताओं के द्वारा समाज के प्रत्येक वर्ग से वस्तु संग्रह एवं लघु धन संग्रह किया जा रहा है।

शहर के शिक्षाविद प्रबुद्ध जन एवं समाजसेवी की बनी स्वागत समिति- 67 वें राष्ट्रीय अधिवेशन को लेकर शहर के शिक्षाविद प्रबुद्ध जन एवं समाजसेवियों के स्वागत समिति की रचना की गई है। स्वागत समिति के संरक्षक के रूप में महामंडलेश्वर राघव देवाचार्य जी एवं स्वामी श्री अखिलेशानन्द जी तथा स्वागत समिति के अध्यक्ष के रूप में शहर के प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ एवम समाजसेवी डॉ जितेंद्र जामदार जी व सचिव के रूप परिषद के पूर्व कार्यकर्ता श्री संदीप जैन जी के साथ 100 से भी अधिक प्रबुद्ध जनों को मिलाकर स्वागत समिति की रचना की गई है।