Trending Now

कोरोना वायरस 5500 बार बदल चुका है, अपना स्वरूप कोरोना की दो और वैक्सीन की तैयारी…

प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के अंतर्गत आगामी छैः वर्षों में 64180 करोड़ रूपये खर्च किये जायेंगे। वायरस रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना होगी। अभी केवल एक इंस्टीट्यूट पुणे में है। 9 वायो सुरक्षा स्तर-3 लेब बनेंगे। कोरोना वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार जरूरत पड़ी तो और फण्ड आवंटित किया जायेगा। अभी भारत में दो वैक्सीन को मंजूरी दी जा चुकी है। जल्द ही टीकाकरण अभियान में दो और वैक्सीन को शामिल किया जा सकता है। विश्व के 100 से अधिक देश वैक्सीन के लिए भारत की ओर देख रहे हैं।

निर्मला सीतारमण ने किसानों को बेहतर फसल मूल्य दिलाने में मदद हेतु नई घोषणा की, बाधा रहित अंतरराज्यीय व्यापार में होगी आसानी - Lokaarpan News ...

इस वर्ष के आम बजट में इस बार निमोनिया के स्वदेशी टीेके ज्यूमोकोकल के लिये देशभर में अभियान चलाने की भी घोषणा की गयी है। इसके माध्यम से 50 हजार बच्चों की जान बचायी जा सकेगी। वैक्सीन से पहले कोरोना महामारी के दौरान भी भारत ने 150 से ज्यादा देशों को हाईड्रक्सी क्लोरोक्वीन, रेमडेसिविर और पेरासिटामोल जैसी दवाईयों के अलावा जांच किट, वेंटिलेटर, मास्क और अन्य चिकित्सा सहायता भारत द्वारा पहुंचायी गयी थी।
ब्राजील के राष्ट्रपति सहित पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शुभकामनाऐं भी दी थी। भारत ने विभिन्न देशों को कोविशील्ड की करोड़ो खुराक भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल म्याँमार, सेशेल्स, मोरोक्को शामिल है।
दुनिया को मेड इन इंडिया वैक्सीन
घेरलू आवश्यकताओं की पूर्ति को सुनिश्चित करते हुये कोरोना महामारी के खिलाफ मानवता को प्रमुखता देते हुए भारत अब पड़ोसी और भागीदार देशों को भी ‘मेड इन इंडिया’ वैक्सीन की आपूर्ति कर ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ का संदेश दे रहा है। विश्व में देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी वैक्सीन मैत्री के लिए भारत के प्रति आभार जता रहे हैं।
दुनिया भर में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुये अनेक देशों ने एहतियात के तौर पर सख्त – लॉकडाउन को आवश्यक मान लिया है। इसी के अंतर्गत जर्मनी ने अपने देश में पाँच दिन के लिए लक्ड़ौन लॉकडाउन की तैयारी शुरू कर दी है। यहां सख्त लॉकडाउन लगाया जायेगा। 1 से पांच अप्रैल तक।
लॉकडाउन के कारण एक हद तक इस महामारी पर काबू तो पा लिया गया लेकिन इस कारण कई प्रश्न भी उठ खड़े हुये हैं। यदि लॉकडाउन लागू नहीं हुआ तो कितने लोग कोरोना से संक्रमित होंगे? और यदि लॉकडाउन लागू किया तो कितने लोग कुपोषण और अवसाद के शिकार होंगे? आदि आदि।
देश में फिर से गम्भीर होते हालातों के बीच सरकार ने टीकाकरण को लेकर बड़ा फैसला लिया है। एक अप्रैल से 45 की आयु को पार कर चुके व्यक्ति को भी टीकाकरण का रास्ता सुलभ कर दिया गया है।

1.91 lakh people got Covid vaccine first day in India, know which state was at the forefront of vaccination - देश में पहले दिन 1.91 लाख लोगों को लगी कोविड वैक्सीन, जानिए

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में 45 से 60 के बीच उम्र वाले 26प्रतिशत तो 26 से 44 आयु के 40 प्रतिशत लोग कोरोना अतिक्रमण की चपेट में आये हैं। 60 साल से अधिक आयु के 51 प्रतिशत लोगों की कोरोना से प्रभावित होने के कारण् मौत हुयी है।
कोरोना की आयुर्वेदिक दवाई
अब केन्द्र सरकार भी कोरोना के लिय नई आयुर्वेदिक दवाई बनाने जा रही है। आयुष मंत्रालय ने जैव चिकित्सा वैज्ञानिक एंव विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष प्रोफेसर भूषण पटवर्धन की अध्यक्षता में आयुष अनुसंधान एवं विकास कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में अनेक प्रख्यात चिकित्सा एवं वैज्ञानिक हस्तियों को शामिल किया गया है।
यह कमेटी इस बात का शोध करेगी कि भारतीय पुरातन चिकित्सा पद्धति के पैमाने पर किस प्रकार की आयुर्वेदिक दवा कोरोना में कारगर साबित होगी। देश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर का दुष्प्रभाव देखने को मिल रहा है। केन्दीय स्वास्थ्य मंत्रालय के गत मंगलवार को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार देश में बीते 24 घंटों में कोरोना संक्रमित लोगों के 40715 नये मामले सामने आये हैं।
अब तक कुल एक करोड़ सोलह लाख छियासी हजार सात सौ छियान्वे मामले सामने आ चुके हैं। विश्व में ऐसे संक्रमितों की संख्या 12.32 करोड़ के आंकड़े को पार कर चुकी है। इस बीच इंग्लैण्ड के पब्लिक हेल्थ विभाग के टीकाकरण प्रमुख डाॅ. रैमसे ने कहा है कि हम लोगों को सोशल-डिस्टेंसिंग और फेस मास्क का इस्तेमाल कई सालों तक करते रहना  पड़ सकता है। ज्यादा दर्शकों वाले इवेंट की सावधानी पूर्वक निगरानी जरूरी है।
चिन्ताजनक: नमूनों की जांच के परिणाम
वैज्ञानिकों का मानना है कि यू.के., दक्षिणी अफ्रीकी और ब्राजील का स्ट्रेन अधिक संक्रामक है और इनमें से प्रत्येक में पहले SARS-CoV 2 वायरस से संक्रमित हो चुके लोगों को फिर से संक्रमित करने की क्षमता है।केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की ओर से गठित दस प्रयोग शालाओं के समूह भारतीय SARS-CoV 2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने कोरोना  विषाणु को जीनोम सिक्वेंसिंग की है और इसके 771 चिन्ताजनक प्रकारों (बी.ओ.सी.) का पता लगाया है ।

 

स्वास्थ्य मंत्रालय का यह भी कहना है कि अभी तक के आँकड़ों से यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि देश में कोरोना के बढ़ रहे संक्रमण और वायरस के नये वेरियंट के बीच कोई सम्बंध भी है । कोरोना का यह नया वेरियंट अन्य देशों में भी मिल चुका है। भारत में फरवरी से लगातार कोरोना की दूसरी लहर के जोर पकड़ते मामले बढ़ते जा रहे हैं।
आंकड़ा 50 हजार के पार हो गया है। आई.आई.टी. इंदौर द्वारा किये गये एक अध्ययन में बतलाया गया है कि सार्स-कोव-2 वायरस ने अब तक 5500 से ज्यादा बार अपना स्वरूप बदला है। मानव   शरीर में यह वायरस प्रवेश कर एस-2 रिसेप्टर से जुड़ता है। वायरस में प्रोटीन के स्वरूप में बदलाव होने पर मानव शरीर से जुड़ने की इसकी क्षमता में भी अंतर आता है।
इसलिये वायरस अलग-अलग तरीके लोगों को प्रभावित करता है। यह स्टडी अंतर्राष्ट्रीय रिसर्च सेल प्रेस जर्नल हेलियान में भी प्रकाशित हुई है । सर्वाधिक चिन्ता की बात यह है कि महाराष्ट्र एवं दिल्ली में कोरोना का नया डबल म्यूटेंट वेरिऐंट मिला है, वहीं 18 राज्यों में कोरोना के तीन वेरिएंटस के 771 मामलों का पता चला है ।

Coronavirus Variant: IIT Indore research found such information about corona virus

त्यौहारों का आगमन हो चुका है, जूलूसों और मेल मिलाप की सघनता होली में वैसे ही बढ़ती ही है। इसलिये ऐसे अवसरों पर विशेष सावधानी और सजगता की आवश्यकता होगी। प्रधानमंत्री इस बात से ज्यादा चिन्तित हैं कि कहीं यह बीमारी गांवों तक न पहुच जाये। अभी तक यह बीमारी नगरों-शहरों तक सीमित है।
पहले किसी ने ऐसी बीमारी की कल्पना तक नहीं की थी। सावधानी, मास्क और शारीरिक दूरी बनाये रखने से ही इस बीमारी पर बहुत हद तक नियंत्रण रखा जा सकता है। चिन्ता की बात तो यह है कि इस बीमारी की भयावहता को देखकर भी आम जनता इस समस्या की गम्भीरता को ठीक से नहीं समझ पा रही है ।
लेखक:- डॉ. किशन कछवाहा
संपर्क:- 9424744170