अभी हाल में जारी हुआ टूलकिट जिसे कांग्रेस द्वारा जारी किया गया बतलाया जा रहा है, राजीव गांधी प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी द्वारा जारी किये गये देश विरोधी बयान, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा आग लगा दिये जाने जैसे बयानों से यह सच उजागर होना लाजिमी है कि कोरोना महामारी के नये वेरियेंट को भारतीय बताने की कोशिश के पीछे भारत को बदनाम करने की कोई सोची समझी साजिश के तहत इस षड़यंत्र को आगे बढ़ाया जा रहा है।इस अभियान में कतिपाय विपक्षी दलों ने भी अपना स्वर में स्वर मिलाने का योगदान दिया है। इस मामले में विपक्षी दलों का ऐसा रवैया उचित है या अनुचित इस पर उन्हें स्वयं आत्मनिरीक्षण करना होगा?
वास्तव में यह विश्व के लिये भयावह स्थिति है, जब कोरोना महामारी ने सारे विश्व को अपने आगोश में ले रखा है, मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। अनेक देशों में अलग-अलग वेरियेंट पाये जाने के कारण उसकी गम्भीरता को नाजुक ही समझा जायेगा। इसी में से एक वेरियेंट भारत में भी मिला है, जो कई देशों में पाया गया है जिसे लेकर सोशल मीडिया पर ‘इंडियन वेरियेंट’ शब्द के प्रयोग पर सरकार द्वारा कड़ी आपत्ति व्यक्त की गई है।
इलेक्ट्रानिक और सूचना औद्योगिकी मंत्रालय ने ऐसे सम्बंधित प्लेटफार्मों पर आये सभी विषयों को तत्काल प्रभाव से हटाने के सख्त निर्देश भी दिये हैं। सरकार ने फेसबुक, ट्विटर सहित सभी प्रकार के सोशल मीडिया पर आये इस विषय सम्बंधी आलेखों के सम्बंध में उचित कार्यवाही करने के लिये सम्बंधित ऐजेंसियों को निर्देश दिये हैं। इस निर्देश में विश्व सास्थ्य संगठन (डब्ल्यू.एच.ओ.) का संदर्भ देते हुए अभिव्यक्त किया गया है कि वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित ‘इंडियन वेरियेंट’ नाम की कोई चीज नहीं है। यह जानबूझकर गलत सूचनाओं को फैलाने का निन्दनीय कृत्य है।
इससे पहले इस महामारी की पहली लहर के फैलने पर चीन ने भी ‘वुहान वायरस’ कहे जाने पर आपत्ति प्रगट की थी।
अभी कुछ सप्ताह पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कोरोना के एक वेरियेंट को सिंगापुर के साथ जोड़कर बयान दिया था, जिस पर सिंगापुर ने गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाते हुये कड़ी आपत्ति प्रकट की थी और सभी साईटों से तत्काल हटा लेने के लिये कहा था। भारत में भी इसे लेकर गम्भीर आपत्ति जताते हुए सिंगापुर के वरिष्ठ उच्चायुक्त को कहा था कि केजरीवाल का बयान भारत की आवाज नहीं है।
इन मामलों में भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताते हुये विपक्षी नेताओं को आगाह भी किया था कि वे भारत को बदनाम करने वाली साजिशों का हिस्सा नहीं बनें। सरकार की कार्यशैली की आलोचना करना तो विपक्ष का दायित्व है लेकिन जाने अनजाने उन बयानों से बचा जाना चाहिये जिनके जरिये भारत की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छवि खराब होती है। अति उत्साह में देशहित को नजर अंदाज करना कभी भी हितकर नहीं हो सकता।
इधर इंदौर में नगर भाजपा अध्यक्ष के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल आईजी हरिनारायण चारी मिश्रा से मिला और कमलनाथ के तथाकथित आग लगाने सम्बंधित बयान तथा नये वेरियेंट को इंडिया कोविड वेरियंेंट कहे जाने के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। कमलनाथ का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने कथित रूप से आग लगाने का आव्हान किया था। इसी तरह के बयानों की कटिंग भी भेंट की गयी है जिसमें इस वायरस को ‘इंडियन वेरियेंट’ बता रहे हैं कमलनाथ। भाजपा का आरोप है कि कमलनाथ ने ऐसा कर देश के खिलाफ काम किया है।
क्राईमब्रांच भोपाल ने भाजपा की शिकायत पर पूर्व सी.एम. कमलनाथ के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज कर ली है। क्राईम ब्रांच ने धारा 188 व आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अंतर्गत धारा 54 में प्रकरण पंजीबद्ध किया है।