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जिहादी-मिशन हिंसा, लव-जिहाद हेट स्पीच, अवैध मतांतरण पर पूर्ण विराम लगे

सन् 2047 तक भारत में इस्लामिक राज्य बनाने की योजना का खुलासा मुस्लिम फ्रंट के एक संगठन  पी.एफ.आई. के दस्तावेज से हुआ है। ये देश विरोधी तत्व बिहार पुलिस द्वारा गत दिनों गिरफ्तार किये गये थे। उनके पास से जो सामग्री जब्त की गयी थी, उसमें यह दस्तावेज भी था। उस दस्तावेज में इस योजना का पता चला है कि इस वर्ष सन् 2047 देश की 100 वीं आजादी का दिन होगा। इस आठ पृष्ठीय दस्तावेज में जो ‘‘पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया’’ द्वारा जारी किया गया, वह कान खड़े कर देने वाला है।

यह दस्तावेज इस बात का भी पक्का सबूत है कि मुल्ला- मौलवी और इसाई मिशनरी अपना धार्मिक कर्तव्य मानकर तमाम असंवैधानिक और अनैतिक तौर- तरीके अपना कर आपराधिक कृत्य  करने में जोर-शोर से लगे हुये हैं।

तामिलनाडु में ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित विद्यालयों में हिन्दुओं को अवैध रूप से इसाई बनाने का काम किया जा रहा है। ऐसे ही प्रयासों के चलते तंजावुर जिले में एक निर्दोष हिन्दू बेटी लावण्या को अपनी जान गंवानी पड़ी। ऐसे अनेक मामले हैं जिनमें इस्लामिक कद्दरपंथी ‘‘लव जिहाद’’ के नाम पर हिन्दू बेटियों को निशाना बना रहे हैं।

पूरा देश इस्लामिक कद्दरवाद के कारण हो रही हिंसक गतिविधियों से त्रस्त है। अभी तक जो दृश्य सामने आ चुके हैं, वे सिद्ध करने को पर्याप्त हैं, कि कैसे सी.ए.ए., कोरोना, हिजाब और नुपूर विवाद के नाम पर देश का उन्मादी हिंसा की आग में झुलसाने के कुकृत्य किये गये। इस्लामी कट्टरवाद द्वारा देश के भीतर और देश के बाहर से बढ़ावा दिया जा रहा है।

तामिलनाडु सन् 1985 से ऐसे इस्लामिक कद्दरपंथियों का अड्डा बन चुका है, जहां हिन्दुओं के सौ से अधिक सामाजिक और राजनैतिक नेताओं की हत्यायें की जा चुकी हैं।

तामिलनाडु सहित अन्य राज्य सरकारें हिन्दू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करें। मठ-मंदिर और तीर्थ स्थल, न केवल पूजन-अर्चन के केन्द्र हैं, बल्कि हिन्दू सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परम्पराओं के पोषक हैं। इनके माध्यम से अभावग्रस्त निर्धन, दरिद्र लोगों की सेवा की जाती है।

अतिक्रमण और अवैध निर्माण के नाम पर तामिलनाडु सरकार भेदभाव पूर्ण नीति अपनाते हुये हिन्दू मंदिरों का ध्वंश कर रही है। ऐसी कार्रवाई किसी मस्जिद या चर्च में नहीं की गयी।

देश भर में गैर हिन्दू आस्थाओं एवं नेताओं को अपमानित करने वाले बयान देने वालों पर जहां कानूनी कार्रवाई की जा रही है, किन्तु हिन्दू-देवी-देवताओं और आस्था का अपमान करने वाले अपराधियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। हाल ही में पवित्र शिवलिंग या पवित्र चिदम्बरम- नटराज के लिये तरह-तरह के आपत्तिजनक वक्तत्य देने वालों पर कई हिन्दू संगठनों द्वारा आपत्ति उठाये जाने के बावजूद तामिलनाडु सरकार द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी-ये भेदभाव क्यों?

लेखक:- डॉ. किशन कछवाहा
सम्पर्क सूत्र:- 9424744170