अ. भा. प्र. स. प्रस्ताव एक – श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण भारत की अन्तर्निहित शक्ति का प्रकटीकरण…..
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा, बेंगलूरु युगाब्द 5122, 19, 20 मार्च 2021
श्रीराम जन्मभूमि पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय का सर्वसम्मत निर्णय, तत्पश्चात् श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए सार्वजनिक न्यास ‘‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र’’ का गठन, अयोध्या में भव्य मंदिर के निर्माण कार्य को प्रारंभ करने हेतु किया गया अनुष्ठान एवं निधि समर्पण अभियान भारत के इतिहास का वह स्वर्णिम पृष्ठ बन गया है, जो आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरणा देगा।
अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का यह सुविचारित मत है कि उपर्युक्त कार्यक्रमों से भारत की अंतर्निहित शक्तियाँ जागृत हुई हैं तथा ये कार्यक्रम आध्यात्मिक जागरण, राष्ट्रीय एकात्मता, सामाजिक समरसता एवं सद्भाव और समर्पण के अद्वितीय प्रतीक बन गए हैं।
युगाब्द 5122 भाद्रपद कृष्ण द्वितीया (5 अगस्त, 2020) को संपूर्ण विश्व उन क्षणों का साक्षी बनकर भावविभोर हो रहा था, जब भारत के माननीय प्रधानमंत्री, संघ के पूजनीय सरसंघचालक, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र के न्यासी एवं भारत के सभी मत-पंथों के पूज्य धर्माचार्यों की गरिमामयी उपस्थिति मंदिर निर्माण को प्रारंभ करने हेतु किये गए भव्य कार्यक्रम को आभामयी बना रही थी।
भारत के सभी तीर्थों की पावन रज और सभी पवित्र नदियों के जल से यह अनुष्ठान सम्पन्न हुआ। कोरोना महामारी की भीषणता के समय किया गया यह कार्यक्रम सभी मर्यादाओं का पालन करते हुए सीमित संख्या का रखा गया था, परंतु इसका प्रभाव असीमित था। प्रत्यक्ष उपस्थिति तो मर्यादित थी, परंतु आभासी माध्यमों से समस्त हिन्दू समाज इस कार्यक्रम में भागीदारी कर रहा था।