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भगवा ब्रिगेड मैदान के साथ बंगाल के भगवामय होने की तैयारी…

जब द वायर जैसी वेबसाइट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोलकाता के ब्रिगेड मैदान में हुई ऐतिहासिक रैली से चिढ़ जाए, तो समझिए चोट बहुत गहरी लगी है. दो सौ साल पुराने इस मैदान का भगवामय हो जाना वामपंथियों, जिहादियों, कांग्रेसियों और तृणमूलियों के लिए बहुत बड़ा झटका है

ये मैदान जिस रंग में रंगता है, बंगाल उस रंग में रंग जाता है। पश्चिम बंगाल की चुनावी लड़ाई के संकेत और संदेश साफ होते जा रहे हैं। कम से कम रविवार की नरेंद्र मोदी की रैली के बाद ये कहा जा सकता है। हालात ये हो गए हैं कि तृणमूल के उम्मीदवार चुनाव लड़ने से मना कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल के चुनाव में मोदी की ब्रिगेड मैदान रैली को ‘गेम-चेंजर’ माना जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

इस मैदान में एक-दो लाख लोगों की भीड़ का पता नहीं चलता, इसकी विशालता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पांच लाख लोगों के आयोजन में भी यह खाली सा नजर आता है। लेकिन रविवार को मैदान और बाहर तक तिल रखने की जगह नहीं थी। ममता बनर्जी को जिस जय श्री राम के उद्घोष से चिढ़ है,

वह लाखों एकस्वर में कोलकाता को गुंजा रहा था। चुनाव में ममता बनर्जी को बढ़त दिखाने वाले स्वयंभू चुनाव विश्लेषक और सर्वे-वीर इस रैली के बाद सहम गए है। द वायर की हालत तो ये हो गई है कि वह इस रैली से बौखला गई है पत्रकारिता के वैसे भी किसी सिद्धांत का पालन न करने वाले ये वामलग्गू संस्थान अपनी आँखों के सामने मुस्लिम परस्त सांप्रदायिक राज के एक किले और ध्वस्त होता देख रहे है।

वेबसाइट ने हेडिंग दिया है- क्राउड मैनेजमेंट, हेट स्पीचिज… हम समझ सकते हैं उनकी बौखलाहट को। उनकी बौखलाहट के कारण को समझने के लिए जरा ब्रिगेड मैदान के अतीत की तरफ चलिए, इन वामपंथियों और जिहादियों के लिए इस मैदान की पहचान उनके अपने इतिहास से जुड़ी है, वर्ष 1955 में सोवियत के प्रीमियर निकोलाई बुल्गानिन और सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी के पहले सचिव निकिता खुश्चेव के सम्मान में इसी ग्राउंड में बहुत बड़े समारोह का आयोजन हुआ था।

इसी मैदान में क्यूबा के तानाशाह फिदेल कास्त्रो का बहुत जोरदार स्वागत हुआ था। ये वो नाम हैं, जो वामपंथियों की धड़कन में बसते हैंलाल झंडे की शान रहा वो मैदान अब भगवामय हो गया, तो बौखलाहट समझ आती है। इस बौखलाहट को बढ़ा दिया घटनाक्रम और प्रधानमंत्री मोदी के प्रहारों ने, मंच पर फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती की मौजूदगी ये संकेत दे रही थी

कि नक्सल और फिर मुस्लिम तुष्टिकरण की सांप्रदायिक राजनीति खोखली है। मिथुन प्रधानमंत्री की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए, तो इससे उनके कद को समझा जा सकता है। आम बंगाली के दिल में मिथुन चक्रवर्ती का उतना ही सम्मान है, जितना सौरव गांगुली का, ममता बनर्जी का हर धुर विरोधी इस मंच से गरजा,

लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न सिर्फ आम बंगाल के मन को छुआ, वहीं ममता बनर्जी पर तीखे प्रहार किए, मोदी ने कहा कि ममता दीदी की स्कूटी इस बार नंदीग्राम में ही गिरेगी। ममता बनर्जी अपनी परंपरागत सीट छोड़कर चुनाव लड़ने के लिए नंदीग्राम आ गई हैं, यहां उनका मुकाबला कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी से है।

जो ऐलानिया कह रहे हैं कि कम से कम पचास हजार वोट से ममता बनर्जी को हराऊंगा,  वैसे भी लोकसभा चुनाव के आंकड़ों का विश्लेषण करें, तो ममता बनर्जी अपनी मौजूदा सीट पर अपने वार्ड तक में तृणमूल को बढ़त नहीं दिला सकी थीं, मोदी ने सीधे जनता से संवाद किया। कहा टोलाबाजी चलेगी. जनता ने जवाब दिया नहीं. फिर पूछा- कटमनी, ने हुंकार भरी-नहीं.

कमीशनखोरी- नहीं….. फिर उन्होंने ममता बनर्जी पर बंगाल को धोखा देने का आरोप लगाया. मोदी ने जनता को ये संदेश देने की कोशिश की कि वामपंथियों के राज से परेशान जनता ने तृणमूल को परिवर्तन के लिए वोट दिया था, लेकिन स्थिति और खराब है। एक और महत्वपूर्ण इशारा उन्होंने किया, कहा कि ममता का रिमोट अब किसी और के हाथ में है,

नरेंद्र मोदी ने ब्रिगेड रैली में ममता जनता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि आपने एक ही भतीजे की बुआ होने के मोह को क्यों चुना? बंगाल के लाखों भतीजे-भतीजियों की आशाओं के बजाय आप अपने भतीजे का लालच पूरा करने में क्यों लग गईं? आप भी भाई-भतीजावाद के उन कांग्रेसी संस्कारों को छोड़ नहीं पाईं,

जिनके खिलाफ आपने बगावत की थी। स्वाभाविक है, इस समय बंगाल में जो लहर चल रही है, वह परिवर्तन की है। लेकिन आम बंगाली मतदाता परिवर्तन के नाम पर तृणमूल को वोट देकर अपना हाथ जला चुका है, ऐसे में प्रधानमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया, कहा- मैं ब्रिगेड ग्राउंड से आपको इस आशोल पोरिबोरतोन का विश्वास दिलाने आया हूं।

विश्वास, बंगाल के विकास का. विश्वास, बंगाल में स्थितियों के बदलने का विश्वास, बंगाल में निवेश बढ़ने का विश्वास, बंगाल के पुनर्निर्माण का विश्वास, बंगाल की संस्कृति की रक्षा का पीएम मोदी ने कहा कि बंगाल में लोगों को आसोल पोरिबोरतोन चाहिए। उन्होंने कहा कि आसोल पोरिबोरतोन के लिए ही युवा यहां पर आए हैं, पीएम मोदी ने कहा कि सरकार बनने के बाद आपकी बात सुनी जाएगी।