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श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भूमि पूजन को रोकने राहुल गांधी का समर्थक पहुँचा हाईकोर्ट, आयोजन को रोकने की मांग

राम मंदिर बनने को लेकर हिंदू समाज पिछले 492 वर्षों से इंतजार कर रहा था। पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट में आए फैसले के बाद यह स्पष्ट हो गया कि भव्य राम मंदिर का निर्माण जल्द ही होगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि उस भूमि पर रामलला का मंदिर हुआ करता था।

मंदिर निर्माण को रोकने के लिए गांधी परिवार के करीबी और कांग्रेस सरकार में पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने पूरी कोशिश की। सुप्रीम कोर्ट से लेकर सड़क तक कांग्रेस समर्थित लोगों ने मंदिर निर्माण को टालने के लिए अभियान चलाया।

सिर्फ इतना ही नहीं केंद्र में सरकार में रहते हुए कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में यह एफिडेविट भी दिया था कि भगवान श्रीराम काल्पनिक है। कांग्रेस ने भगवान श्री राम के अस्तित्व को ही नकार दिया था।

अब जब राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो चुका है और राम मंदिर के भूमि पूजन की तिथि भी तय हो गई है इसके बाद भी कांग्रेस समर्थक इस भूमि पूजन में और राम मंदिर के निर्माण में खलल डालने की कोशिश में लगे हुए हैं।

कांग्रेस पार्टी के समर्थक में इलाहाबाद हाईकोर्ट में पीआईएल डालकर श्री राम मंदिर भूमि पूजन को रोकने की मांग की है। कांग्रेस समर्थक साकेत गोखले का कहना है कि अयोध्या में किया जाना वाला भूमि पूजन “अनलॉक 2.0” की गाइडलाइंस का उल्लंघन है।

इससे पहले कांग्रेस समर्थक साकेत गोखले पर लगातार भ्रामक जानकारियों को फैलाने का आरोप सोशल मीडिया में लगता रहा है।

कांग्रेस के सहयोगी शरद पवार ने भी उड़ाया मजाक 

राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की तिथि सामने आने के बाद महाराष्ट्र में कांग्रेस के सहयोगी पार्टी एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने भी इस भूमि पूजन का मजाक उड़ाया।

शरद पवार ने तंज कसते हुए कहा कि क्या मंदिर निर्माण से कोरोना दूर हो जाएगा। शरद पवार की इस टिप्पणी को मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।

इनपुूट:भाषा