संपूर्ण भारत के प्रतिनिधि हैं राम…
स च सर्व गुणोपेतः कौसल्यानंद वर्धनः। समुद्र इव गाम्भीर्ये धैर्येण हिमवानिव॥ (कौसल्या के आनन्द को बढ़ाने वाले सर्वगुण संपन्न राम सागर...
स च सर्व गुणोपेतः कौसल्यानंद वर्धनः। समुद्र इव गाम्भीर्ये धैर्येण हिमवानिव॥ (कौसल्या के आनन्द को बढ़ाने वाले सर्वगुण संपन्न राम सागर...
नाहं मन्ये सुवेदेति न वेदेति वेद च। योनस्तव्देद तव्देद नो न वेदेति वेद च।। -केन उपनिषद ( I do not...