सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के प्रखर पुंज थे निराला…
भारतेन्दु ने देश की विवशता को देखते हुए इकट्ठा होकर रोने और ‘भारत दुर्दशा’ का आख्यान लिखकर जिस राष्ट्रीय चेतना...
भारतेन्दु ने देश की विवशता को देखते हुए इकट्ठा होकर रोने और ‘भारत दुर्दशा’ का आख्यान लिखकर जिस राष्ट्रीय चेतना...