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श्रद्धेय घनश्याम प्रसाद मिश्र ने अपनी सेवानिवृत्ति के बाद प्रचारक जीवन व्यतीत करने का संकल्प लिया था– प्रवीण गुप्त

श्रद्धेय घनश्याम प्रसाद मिश्र ने अपनी सेवानिवृत्ति के बाद प्रचारक जीवन व्यतीत करने का संकल्प लिया था– प्रवीण गुप्त

आज संघ कार्यालय सिवनी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह जिला संघचालक श्रद्धेय घनश्याम प्रसाद जी मिश्र को श्रद्धाजंलि अर्पित किया गया। इस शोक सभा में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक प्रवीण गुप्त ने कहा कि,

ब्रह्म सत्यं जगत मिथ्या अर्थात ब्रह्म ही सत्य है और जगत मिथ्या है, ये हम सब जानते हैं। ये स्व. घनश्याम जी भी जानते थे इसलिए वे अंतिम समय तक प्रसन्नचित थे किंतु फिर भी उनका जाना परिवार के लिए तथा हम सब के लिए अत्यंत दुःखद है।

स्व. घनश्याम प्रसाद जी मिश्र एक आदर्श स्वयंसेवक थे एक आदर्श शिक्षक थे। वे संघ के पालक भी थे। आज जब मैं उनके घर मिलने गया तो पता चला कि उन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद प्रचारक जीवन अर्थात पूर्ण समय संघ कार्य के लिए व्यतीत करने का संकल्प लिया था।
ऐसे संकल्पवीर स्वयंसेवक मैं विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।

अनिल चन्द्रवंशी विभाग कार्यवाह ने कहा कि वे मेरे गुरु थे। उन्होंने ही मुझे स्वयंसेवक बनाया।आज मैं जो कुछ भी हूँ उसमें श्रद्धेय घनश्याम जी का ही योगदान है।

श्री घनश्याम जी के परम् मित्र अनंदी प्रसाद पटले ने कहा कि वे जब भी प्रवास में जाते थे हमेशा संघ गीत ही गुन गुनाते थे संघ उनके हृदय में संघ बसता था उन्होंने कहा कि मैंने अपने एक घनिष्ट मित्र को खोया है।

नरेश दिवाकर पूर्व विधायक ने कहा कि वे मेरे पालक थे जब भी मैं किसी संगोष्ठी में जाता था उनसे मैं key point लेता था।

गोपाल सिंह बघेल जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि, वे अपनी बात बेबाक रखते थे वे एक अच्छे वक्ता थे धारा प्रवाह बोलते थे। जो भी कार्य उनको मिलता था सहज स्वीकारते थे, वे कर्तव्यनिष्ठ थे।

सरस्वती शिशु मंदिर सिवनी के व्यवस्थापक दुर्गाशंकर श्रीवास्तव ने कहा कि श्रद्धेय घनश्याम जी ने संघ का कभी दुरुपयोग नहीं किया और न ही अपने कार्य का कभी ढिढोरा पीटा।

शोक सभा में प्रवीण मिश्र ने बताया कि समरसता पर भाषण नहीं अपितु समरसता को वो जीते थे।
ऐसे संकल्पवीर, कर्मवीर स्वयंसेवक को सम्पूर्ण संघ परिवार विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

जीवन दीप जले ऐसा सब जग को ज्योति मिले-
सत्य-सृष्टि करने केशव थे नगर-ग्राम घर-घर फिरते,
संघ-मंत्र में हिन्दुराष्ट्र की प्रतिमा वे देते चलते।

निज जीवन सर्वस्व लगा वे मूक वेदना छोड़ गये,
हिन्द राष्ट्र के भव्य -भवन का स्वप्न अधूरा छोड़ गये।

हृदय -हृदय में अग्नि बसी जो दावानल सम प्रगटायें,
उस दधीचि का ध्येय पूर्णकर दिव्य -शक्ति बन छा जायें।
धन्य ध्येयवादी जीवन वे केशव -व्रत जो लिये चले।
जीवन दीप जले।।

श्रद्धाजंलि सभा मे संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख विनोद कुमार, प्रांत कार्यकारिणी सदस्य कौशलेंद्र, विभाग प्रचारक कृष्णकांत, जिला कार्यवाह शैलेन्द्र बिसेन सह कार्यवाह मनोज अग्रवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष आलोक दुबे, सहित संघ विविध क्षेत्र के अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे।

संतोष सूर्यवंशी
जिला प्रचार प्रमुख
सिवनी