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चीन के विस्तारवाद पर भारत का रणनीतिक प्रहार

चीन के विस्तारवाद पर भारत का रणनीतिक प्रहार

भाईयों और बहनों हम सभी जानते हैं कि पिछले दिनों चीन ने गलावन घाटी लद्दाख में हमारे 20 भारतीय जवानों को मार दिया जबाब में हमारे भारतीय जवानों ने अपने अदम्य साहस और शौर्य का परिचय देते हुए 43 चीनी जवानों को मार गिराया यह घटना इस बार बंदूकों और बमों से नहीं बल्कि लात-घूसों और कील लगे राँड से हुई है।

यह घटना 1975 के बाद हुई है इससे पहले चीन और भारत के बीच कभी भी गोलीबारी और लात-घूसे नहीं चले है। भारत और चीन के बीच 1975 से एक अनौपचारिक शांति कायम है। भारत और चीन के बीच कभी भी अच्छे संबंध नहीं रहे हैं सन् 1962 में भारत और चीन के बीच में युध्द हुआ था जो बत्तीस दिनों तक चला और भारत प्रधानमंत्री नेहरू की सर्वस्व समर्पण की नीति और सेना को पीछे बुलाने के चलते हार गया।

इसके बाद 1967 और 1975 में भी भारत और चीन के बीच में तनाव रहा है। चीन ने भारत की लाखों वर्ग किलोमीटर की जमीन लद्दाख में हड़पी हुई है जिसे COJK या अक्साई चीन भी कहते हैं। चीन कई भारतीय क्षेत्रों को भी अपना बताता है सन् 2018 में चीन ने डोकलाम में भी अपना कब्जा जताया था परंतु बाद में मामले का पटाक्षेप हो गया।

चीन लगातार भारत के अरुणाचल प्रदेश में भी अपना हक जताता आया है जिससे भारत की पूर्वोत्तरी सीमा पर चीन के साथ लगातार तनाव रहता है। 5 मई से भारत और चीन में लगातार लद्दाख क्षेत्र में तनाव बना हुआ है और पिछले दिनों जो हुआ उससे आप वाकिफ है।

हमें कदापि नहीं भूलना चाहिए कि चीन एक कम्युनिस्ट और साम्राज्यवादी देश है उसने सिर्फ भारत में ही नहीं अपितु हांगकांग, तिब्बत और मंगोलिया आदि देशों में भी कब्जा किया हुआ है और वहाँ के लोगों के ऊपर अत्याचार करता है।

पिछले साल हांगकांग में अपनी स्वायत्तता बरकरार रखने के लिए आंदोलन हुआ परंतु चीन ने उसे कुचल दिया और वहाँ स्वायत्त शासन समाप्त कर चीन का शासन लागू कर दिया है। चीन अपने क्रूर, अलोकतांत्रिक और विस्तारवादी नीतियों के कारण पूरे विश्व में कुख्यात है।

इस वर्ष जिस वायरस ने पूरी धरती को तबाह कर दिया है उसके लिए भी चीन ही जिम्मेदार है। अमेरिका ने अपने यहाँ की 200 कंपनियाँ हटाकर भारत में लगा दी है जिससे चीन चिढ़ा हुआ है। चीन पहले से ही भारत से चिढ़ता था सन् 1952-54 में दलाई लामा को शरण देने का मुद्दा हो या भारत का जी-7 देशों में शामिल होने का आदि सभी कारणों से चीन भारत से चिढ़ता है।

इन पाँच नीतियों से भारत होगा मस्त और चीन होगा ध्वस्त।

1. चीन को आर्थिक मोर्चे पर ध्वस्त करना

हम यह जानते हैं कि चीन से सिर्फ हमारे भारतीय सैनिक बुलेट से लड़ सकते हैं परंतु देश की जनता बुलेट की जगह वैलेट से लड़ सकती है। हाँ भाईयों अगर भारतीय जनता चीन के बने हुये सामान का बहिष्कार कर दे तो चीन की अर्थव्यवस्था औंधे मुँह गिरेगी।

हमारे देश में चीन की चार कंपनियाँ ओप्पो, वीवो, वनप्लस और रियल मी आदि सबसे बड़ी स्मार्टफोन कंपनियाँ है जिनका भारतीय बाजार में 65% कब्जा है अगर ये सब बहिष्कृत हो जाये तो चीन को तगड़ा नुकसान होगा और सबसे बड़ी बात ये की भारत सरकार चीनी कंपनियों को दिये हुये अपने सभी ठेके निरस्त करें और भविष्य में कोई भी ठेका चीन और चीनी कंपनी को न दे।

2. चीन से भारतीय क्षेत्र (अक्साई चीन) को वापस लेना

अब समय आ गया है कि हम अपनी पुरानी गलती सुधार ले पूर्वकाल में चीन को लद्दाख पर कब्जा कर लेने की गलती करने वाले नेहरू की गलती को सुधारने का समय आ गया है। शीघ्र अतिशीघ्र भारतीय सेना को चीन के कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र पर अपना अधिपत्य स्थापित कर लेना चाहिए जिससे चीन को भारत की ओर से तगड़ा जबाब मिलेगा और भारत की दक्षिण एशिया में ताकत भी मजबूत होगी।

3. अमेरिका को चीन के खिलाफ मदद करना

हम सभी जानते हैं की अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर चल रहा है और अमेरिका चीन को इसमें बुरी तरह परास्त करना चाहता है जिसमें उसको भारत की मदद चाहिए। अब भारत को अगर विश्व में सर्वशक्तिमान बनना है तो,

अपनी पुरानी नीति “किसी भी देश के मुद्दे पर टाँग न अड़ाने वाली प्रवृत्ति को छोड़ना होगा” और चीन के हर मुद्दे के खिलाफ भारत को अमेरिका की मदद करनी होगी जिससे अमेरिका चीन के खिलाफ लामबंद होगा और भारत को आर्थिक, राजनीतिक और वैश्विक सभी मोर्चों पर सफलता प्राप्त होगी।

4. हाँगकाँग और तिब्बत के मामले उठाना

आज सभी जानते हैं कि चीन ने अन्य राष्ट्रों पर कब्जा कर रखा है जिससे सभी लोग परेशान है। चीन ने हाँगकाँग और तिब्बत में कब्जा कर रखा है जिससे वहाँ के लोग परेशान है और चीन की तानाशाही सह रहे हैं। वहाँ के लोगों को चीन की तानाशाही से मुक्त कराने के लिए वहाँ के लोगों की चीन से स्वतंत्रता की माँग बुलंद करनी होगी और वहाँ के लोगों को खुला समर्थन देना होगा जिससे चीन का अलोकतांत्रिक, अमानवीय और साम्राज्यवादी चेहरा सामने आयेगा।

5. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) को अपने कब्जे में लेना

आप सभी को लग रहा होगा की POK का चीन से क्या संबंध है? भाईयों और बहनों POK का चीन से बहुत गहरा संबंध है आप बस समझ जाईये ये अगर अपने कब्जे में आ गया तो चीन का पश्चिमी विश्व में माल सप्लाई बंद और चीन की अर्थव्यवस्था भी ध्वस्त।

भाईयों और बहनों चीन POK के ही जरिये पाकिस्तान से व्यापार करता है और अपना माल कराची बंदरगाह के जरिये पूरे विश्व में भेजता है और दक्षिण हिंदू महासागर में अपने जहाजों का ईंधन, समय और परिश्रम सब बचा लेता है ।

अगर यह क्षेत्र भारत के कब्जे में हो जाये तो समझ लीजिये चीन चारों खाने चित। चीन का 50 % से अधिक माल इसी रास्ते से आता जाता है और जब यह मार्ग ही नहीं रह जायेगा तो चीन माल कहाँ से भेजेगा।

भाईयों और बहनों अगर उपरोक्त पाँच नीतियाँ भारत सरकार ने अपना ली तो समझ लीजिये भारत को विश्व की महाशक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता बस जरूरत है तो ढृढ़ इच्छाशक्ति और लगन की। बस इसी नीति से होगा चीन ध्वस्त भारत मस्त।

कौस्तुभ गौतम (युवा लेखक)