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बंगाल में नरसंहार पर सन्नाटा क्यों???

पानी सर के ऊपर से गुजर चुका है, अब देश की जनता का मौन/धैर्य टूट रहा है
बंगाल में खूनी-खेल,हत्याओं का सिलसिला तो कई वर्षों से चलता चला रहा है किंतु आज 23 मार्च 2022 वीरभूमि गांव में जिहादियों/टीएमसी के गुंडों का नंगा नाच ममता के संरक्षण मे खेला गया।
पिछले वर्ष चुनाव के पश्चात भी बंगाल में बहुत अधिक हिंसा, आगजनी की घटनाएं हुई, हत्याएं हुई। उसके पूर्व 2015 में दुर्गा पूजन/दशहरे के जुलूस पर प्रतिबंध लगाया गया टीएमसी के द्वारा। इस प्रकार की घटनाएं बंगाल में अब आम बात हो गई है।
वीरभूमि नरसंहार में 8 महिला व दो बच्चों को घर के बाहर ताला लगाकर,घर में आग लगा कर जिंदा जला दिया गया। गांव के सारे लोग पलायन कर गए डर के मारे। आखिर देश में यह सब चल क्या रहा है?? कहां बचा है लोकतंत्र? देश के किस हिस्से में लोकतंत्र बचा है जरा बताएं? अब मोमबत्ती गैंग, अवार्ड वापसी, गैंग डिज़ाइनर गैंग अब चुप क्यों है? मानवाधिकारों का रोना रोने वाले अब सब चुप क्यों हैं? आज बंगाल में अराजक तत्वों का तांडव हो रहा है।’
बर्बरता की वीरभूमि फाइल्स ‘बन चुकी है, बंगाल की क्रांतिकारी भूमि। जिस बंगाल ने कभी स्वामी विवेकानंद, रविंद्रनाथ टैगोर, घोष,वन्किमचंद्र चटर्जी और ना जाने कितने क्रांतिवीर पैदा किए। उसी पवित्र भूमि पर आज असुरों का तांडव हो रहा है।
इतिहास में क्रूरता/अधर्म के लिए हम कंस, रावण, महिषासुर,शुंभ-निशुंभ,मधु-कैटभ को याद करते हैं। किन्तु आज उसका स्वरूप हमें बंगाल में प्रत्यक्ष दिखाई दे रहा है। टीएमसी के खिलाफ बोलने पर लोगों को जिंदा जला दिया जाता है। पिछले वर्षों में बीजेपी के 130 कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है। एक जांच आयोग मे जज साहब गए थे बंगाल जांच करने तो उनको टीएमसी के गुंडों ने दौड़ा दिया था। यहां तक कि गृहमंत्री के काफिले पर भी बम से हमला कर दिया जाता है। बंगाल में अब आप समझ सकते हैं कि सब खत्म है।
बंगाल में आज मानव राज नहीं दानवराज आ चुका है। लोकतंत्र खत्म हो गया है। बार-बार राज्यपाल महोदय कानून व्यवस्था भंग की बात कहते रहते हैं किंतु केंद्र सरकार/ मोदी जी इस पर कोई एक्शन ही नहीं लेते हैं। आखिर क्यों? क्या ऐसी मजबूरी है कि लोकतंत्र की सरेआम हत्या हो रही है???? आम आदमी का जीना हराम हो गया है। लोग पलायन कर रहे हैं। मानवाधिकार खत्म हो चुके हैं। गुंडों का तांडव हो रहा है। लोगों का जीवन नर्क बन चुका है।
अभी बंगाल की सांसद रूपा गांगुली ने कहा की- “हालात बहुत खतरनाक है, लोकतंत्र खत्म है, मोदी जी’ प्रेसीडेंट रूल’ ही अब समाधान हैं। राष्ट्रपति शासन ही अब इस समस्या का समाधान हो सकता है। आज राजनैतिक हत्याओं के मामले में देस में बंगाल पहले स्थान पर है। पानी सर पर से गुजर चुका है। वर्तमान में देश की केंद्र सरकार/मोदी जी को कठोर कार्रवाई करना चाहिए। सारे देश में यह मांग उठ रही है कि मोदी जी जो सत्य व न्याय के प्रतीक हैं। और ऐसे अधर्म अन्याय अत्याचार पर यदि मूकदर्शक बने रहते हैं तो यह देश के लिए /लोकतंत्र के लिए बहुत ही शर्म और मानवता के पतन की बात होगी।
दुनिया में जिस तरह से भारत की इज्जत /वर्चस्व बढ़ रहा है। उसे कायम रखने हेतु इन अराजक तत्व पर आज कठोर कार्रवाई की आवश्यकता महसूस की जा रही है। देश में यदि कानून का राज है, लोकतंत्र है न्याय तंत्र है, भीड़ तंत्र नहीं है। तब तत्काल केंद्र सरकार को बैठक बुलाकर/एक्शन लेकर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को बर्खास्त करना चाहिए साथ ही पिछले वर्षों से लेकर आज तक हुई सभी घटनाओं पर एक्शन लेते हुए सारे टीएमसी के गुंडों जिहादियों अराजक तत्व को गिरफ्तार करके जेल में डालना चाहिए। कठोर से कठोर दंड दिया जाना चाहिए तभी लोकतंत्र मजबूत होगा एवं जनता का विश्वास लोकतंत्र पर कायम रहेगा,तभी हम ‘सत्यमेव जयते’ कह सकेंगे।
तत्काल कार्रवाई की प्रतीक्षा में देश की जनता
!!वन्देमातरम!!

 

लेखक- डॉ नितिन सहारिया
सम्पर्क सुत्र- 8720857296