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लव जिहाद और गजवा ए हिंद 

विगत कुछ वर्षों से पूरे देश में लव जिहाद जैसे शब्द की चर्चा पूरे देश में है. असलियत में लव और जिहाद दोनों एक दूसरे के विरोधी शब्द हैं, लेकिन मुसलमानों के एक बड़े वर्ग की दृष्टि में यह शब्द पूरी तरह जायज है. इसके माध्यम से मुसलमानों द्वारा अपनी पहचान छिपाकर या यूं कहिए कि अपने को हिंदू बता कर हिंदू लड़कियों को प्रेम जाल में फाँसा जाता है, इसके बाद उनका शारीरिक शोषण किया जाता है  और जब विवाह की बात आती है तो ऐसी लड़कियों को इस्लाम स्वीकार करने के लिए कहा जाता है और यदि वह इसके लिए तैयार नहीं होती तो  अधिकांश मामलों में उनकी हत्या कर दी जाती हैं. कहा जाता है कि देश में गजवा ए हिंद लाने के लिए यानी देश को मुस्लिम बहुल बनाने के लिए प्रकारांतर से इसे इस्लाम से मान्यता प्राप्त है. स्थिति  की भयावहता के चलते बरसों पूर्व कई भाजपा शासित राज्यों में लव जिहाद जैसी धोखाधड़ी और प्रायोजित अभियान के चलते कठोर कानून बनाए गए. पर इसको लेकर भी तथाकथित धर्मनिरपेक्ष पार्टियों द्वारा  व्यापक विरोध किया गया. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो इसे भाजपा का देश को बांटने वाला कदम बता दिया था. असदुद्दीन ओवैसी ने तो यह सवाल खड़ा कर दिया कि भला लव  और जिहाद दोनों एक साथ कैसे हो सकते हैं? यह सवाल तो ओवैसी को अपने जैसे उन मुस्लिम कट्टरपंथियों से पूछना चाहिए जो भारत को निजाम ए मुस्तफा में बदलना चाहते हैं और उसके लिए लव जिहाद का भी एक उपकरण बतौर उपयोग कर रहे हैं.  पर यह दोनों एक साथ हैं, क्योंकि यह एक तरह का लव के नाम पर जिहाद ही है.यह कानून छल कपट और धोखाधड़ी के खिलाफ था और प्रताड़ित लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए लाया गया था. पर मुस्लिम परस्त लोग इसे मुस्लिम विरोधी कदम प्रचारित कर रहे थे, जबकि यह कानून सभी धर्मों और पंथो पर समान रूप से लागू होता है. यह कानून अलग-अलग समुदाय के पुरुष एवं स्त्री होने के चलते विवाह पर कहीं रोक नहीं लगाता. यह तो अपने  पंथ या मजहब को छुपाकर या अपनी पहचान छुपा कर जब जब कोई लव जिहाद के इरादे से कार्य करता है, यानी धोखाधड़ी जैसा आपराधिक कृत्य करता है तभी प्रभावसील होता है. सच्चाई यह है कि जैसे सीएए कानून का विरोध हुआ था, उसी तरह से इसका भी हुआ. जबकि सीएए मैं भी पीड़ित और प्रताड़ित लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान किया गया था. लव जिहाद को लेकर आए दिन ऐसे ऐसे प्रकरण सामने आते रहते हैं कि लोगों के अंतरात्मा हिल जाती है जाती है. पिछले महीनों दिल्ली का श्रद्धा वालकर नाम की लड़की को आफताब नाम के युवक ने कैसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर हड्डियां जंगलों में फेंकी थी. इसे पूरे देश में साक्षात देखा था.

पूरे देश की तरह मध्य प्रदेश का विंध्य प्रदेश क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है.  यद्यपि इस  क्षेत्र में मुस्लिम जनसंख्या उतनी प्रभावी नहीं है, इसलिए इस क्षेत्र में यह विभीषिका उतनी प्रभावी नहीं है. फिर भी बीच-बीच में ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं. वर्ष 2021 में रीवा के चोरहटा थाना के अंतर्गत आलम खान नाम के एक मुस्लिम ने आलम सिंह बनकर शादी का झांसा देकर एक युवती से लंबे समय तक बलात्कार किया. बाद में वह उस युवती को कानपुर ले गया, जहां पर उसकी धार्मिक गतिविधियों को देखकर युवती के पैरों के तले जमीन खिसक गई और वह किसी तरह से जान बचाकर रीवा पहुंची. जहां पर चो रहटा थाने में पुलिस ने बलात्कार एवं धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2020 के तहत मामला दर्ज किया. इसी तरह से सिटी कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत अफजल खान नाम के व्यक्ति ने राज रावत बनकर युवती को पहले रान्ग डायल नंबर से फोन किया फिर अपहरण करके फतेहपुर के एक कमरे में महीनों तक बंधक बनाए रखा और 2 महीने तक लगातार दुष्कर्म किया. 1 दिन युवती ने उसके आधार कार्ड में उसका सही नाम देख लिया. किसी तरह से वह रीवा आई  और पुलिस में मामला दर्ज कराया और पुलिस द्वारा उसे गिरफ्तार किया गया.

इसी तरह से दर्द भरी दास्तान सिंगरौली के इस युवती की है जो पुलिस अधिकारी बनने का सपना लेकर भोपाल आई थी. अपनी आवश्यकताएं पूरी करने के लिए वही एक बाइक शोरूम में नौकरी भी करती थी. जहां उसकी रायसेन के रहने वाले खलील से जान पहचान हुई. उसने दूषित इरादे से युवती की मददगार बनने का नाटक किया. वह जब भी आता युक्ति के लिए गिफ्ट लेकर आता. संबंध प्रगाढ़ हो जाने पर उसने युवती को हॉस्टल से तलैया थाने के पास एक किराए के मकान में शिफ्ट करा दिया. वही एक दिन वह अपने साथी शाहरुख के साथ पहुंचा, जहां खलील ने युवती से बलात्कार किया और शाहरुख ने उसका वीडियो बना लिया. युवती के प्रेग्नेंट होने पर पहले शादी का दिलासा दिया फिर जबरिया एबॉर्शन करा दिया.सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल करने की धमकी देकर खलील युवती का शोषण करता रहा. एक दिन वह व्यक्ति को अपने साथ अपने घर रायसेन ले गया, जहां धोखे से मटन के नाम पर उसे गौ मांस खिला दिया गया और उसका नाम आयशा रख दिया. लंबे समय तक दुष्कर्म करने के पश्चात युवती  को भगा दिया. लंबा समय बीतने के चलते पीड़ित और बेसहारा युवती की रिपोर्ट भी थाने में नहीं दर्ज हो सकी. सीधी जैसा पिछड़ा जिला भी इस मामले में अछूता नहीं है. थाना मझौली के अंतर्गत ग्राम सिकरी की एक महिला का इब्राहिम खान नाम के व्यक्ति ने सतत 8 वर्षों तक शारीरिक शोषण किया. पीड़िता के परिचय पत्र पर उसके नाम की जगह शिफा बेगम लिखवा दिया यहां तक की पीड़िता के पति की जगह भी अपना नाम लिखा दिया. जब युवती ने कोर्ट मैरिज की बात की तो पीड़िता और उसकी 9 साल की बच्ची को जान से मारने की धमकी दी. इसके पश्चात उसे भगा दिया. इसके बाद पीड़िता द्वारा कोतवाली सीधी में रिपोर्ट दर्ज कराई गई, जहां धारा 376 एवं धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया. पुलिस को इब्राहिम खान की गिरफ्तारी में अथक प्रयास करना पड़ा. 15 दरवाजे का ताला खोलने के पश्चात वह 16 में दरवाजे पर पुलिस की गिरफ्त में आया.

कुल मिलाकर इससे समझा जा सकता है लव जिहाद का मामला मात्र महानगरों या शहरों तक सीमित नहीं है. यह मामला गांवों तक फैल चुका है. वजह यह है कि जिहादियों के निशाने पर पूरा देश है. इसलिए बेहतर होगा कि हम अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें, उन्हें सनातन और हिंदुत्व  के परिवेश में पलने और बढ़ने का माहौल दें. अति आधुनिकता के चक्कर में बच्चों को अपने हाल पर ना छोड़ें, उन पर सतत निगरानी रखें साथ ही उनसे भावी जीवन के बारे में सतत विचार विमर्श भी करते रहें.

– वीरेंद्र सिंह परिहार