यादों में आपातकाल – तीन राहुकाल से लोकतंत्र के निकलने की शेषकथा!
"इमरजेन्सी के कंलक के काले धब्बे इतने गहरे हैं कि भारत में जबतक लोकतंत्र जिंदा बचा रहेगा तब-तक वे बिजुरके...
"इमरजेन्सी के कंलक के काले धब्बे इतने गहरे हैं कि भारत में जबतक लोकतंत्र जिंदा बचा रहेगा तब-तक वे बिजुरके...