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संघ को समझना है तो शाखा में आओ, बाहर से संघ को नहीं समझ सकते : डॉ. मनमोहन वैद्य

शहडोल – संघ शाखा काे समझना आसान नहीं है।संघ को समझना है तो शाखा में आओ बाहर से संघ को नहीं समझ सकते। यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने शहडोल प्रवास के दौरान रविवार को पंचायती मंदिर की संघ शाखा पर स्वयंसेवकों से संवाद करते हुए कही। उन्होंने कहा कि हर एक से अपनेपन के भाव से मिलो। वह भले हमें दूसरा मान रहे हों लेकिन वह हमारे अपने हैं।यह भाव लाओ। हम एकता का भाव लेकर आएं। संपूर्ण समाज में रहने वाले हमारे अपने हैं।जाति और बोलियां अलग अलग होंगीं लेकिन हम सभी एक हैं।

सह सरकार्यवाह ने कहा कि शाखा में कुछ पाने के लिए जाना ही नहीं, यहां तो उल्टा देना पड़ता है।रोज एक घंटा देना, फिर धीरे धीरे समय बढ़ता है। हम सब एक ही समाज के हैं। हर एक की स्थिति अलग अलग है पर यहां सब मिलकर बैठे हैं इससे सामूहिकता का भाव आता है। हम सब एक हैं सुनना आसान है, कहना आसान है पर हम सब समान हैं इसका अभ्यास जरूरी है। शाखा में आने से हम सब एक हैं, सब समान हैं,इसका अभ्यास हो जाता है।

स्वयंसेवकों से संवाद करते हुए डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा कि भारत में रावण के मूल्य किसी को स्वीकार नहीं हैं राम के मूल्य ही स्वीकार हैं। समाज एक है, मूल एक है, भाषा जाति अलग अलग हैं लेकिन जब हमारे अंदर एकता का भाव जाग्रत होगा और तो यह भिन्नता नहीं नजर आएगी। इन्होंने कहा कि अंग्रेजाें ने यहां राज्य किया क्योंकि हम एक नहीं थे। हम सब मिलकर देश को आगे बढ़ाने का काम करें तो देश का फायदा होगा। अगली पीढ़ी को हम कैसा भारत देना चाहते हैं उसके लिए आज हमको मेहनत करनी पड़ेगी और उसके लिए शाखा आना जरूरी है।

सह सरकार्यवाह ने बताया कि संघ राजनैतिक दल नहीं है। संघ कार्य के तीन प्रकार हैं एक व्यक्ति निर्माण, दूसरा समाज जागरण और तीसरा समाज परिवर्तन। शाखा में आने से व्यक्ति का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता के काम को आगे बढ़ाए। संघ में आने के लिए सिर्फ आना जरूरी है। उन्होने कहा कि समाज में नए नए लोगों से मिलें।संपूर्ण समाज को संगठित करना है।आपने कहा कि संघ शाखा को समझना आसान नहीं है। शाखा को समझना है तो शाखा में आना ही होगा। संघ को समझना है तो संघ में आओ बाहर से संघ को नहीं समझ सकते।