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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का “स्वातंत्र्य नाद” शिविर स्थगित।

कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए आगामी 16 जनवरी को जबलपुर में होने वाला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, महाकौशल प्रांत का स्वातंत्र्य नाद कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है. 14-15-16 जनवरी को होने वाला प्रांत शिविर, जिसमें समस्त महाकौशल प्रांत से स्वयंसेवकों का आगमन होना था, भी स्थगित हो गया है.

पूज्यनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी पूर्व से तय  यात्रा क्रम के अनुसार 16 जनवरी को प्रातः करेली पहुँचेंगे, और नर्मदा परिक्रमा पर निकले संत स्वामी उत्तम जी से भेंट करेंगे. ततपश्चात उनका जबलपुर आगमन होगा. जबलपुर में कुछ स्वयंसेवक परिवारों से पूज्यनीय सरसंघचालक जी की भेंट होगी. 17 जनवरी को प्रातः वे जबलपुर से प्रस्थान करेंगे.

संघ के सभी स्वयंसेवक कोरोना की रोकथाम हेतु जनजागरण और अन्य सहायक प्रयासों में जुट गए हैं. इसी क्रम में दिनाँक 9 जनवरी को, जबलपुर महानगर के तीनों भाग नर्मदा, कृषि व आयुध के सभी 21 नगरों के स्वयंसेवकों द्वारा 8 घंटों का कोरोना जनजागरण सतत (रिले) संचलन निकाला जाना था, परंतु  वृष्टि और कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण इसे भी स्थगित कर दिया गया है. इस नई परिस्थिति में स्वयंसेवको के मध्य कोरोना जनजागरण का विषय प्रमुखता से रखा जा रहा है. आने वाले दिनों में प्रांत के सभी ग्रामों-मोहल्लों व बस्तियों में कोरोना जागरण अभियान वृहत स्तर पर चलाया जाएगा.

प्रांत के संघचालक मा. डॉ. प्रदीप दुबे जी ने बताया की पिछले लॉकडाउन के समय संघ के स्वयंसेवकों ने सारे देश मे सभी तरह के सेवा कार्य विशाल स्तर पर किए. अपने महकौशल प्रांत में भी संघ के स्वयंसेवकों ने युद्ध स्तर पर राहत कार्य किए. पूरे प्रांत में 218 ऑक्सीजन युक्त तथा 960 सामान्य पलंग, 18 कोविड आइसोलेशन और देखभाल केंद्र, स्थापित किए. 177 टीकाकरण केंद्रों का संचालन कर 2 लाख 66 हजार 172 लोगों का टीकाकरण सम्पन्न करवाया. 2437 यूनिट रक्तदान व प्लाज़्मा दान स्वयंसेवकों ने किया. 12 शववाहन सेवाएं व 25 स्थानों पर कोविड मृतकों के अंतिम संस्कार हेतु सेवाएं प्रदान कीं. 1009 स्थानों पर जनजागरण और एक हजार शासकीय टीकाकरण केंद्रों पर अपनी सेवाएँ स्वयंसेवकों ने प्रदान की. 130 कंसन्ट्रेटर, 1717 ऑक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध करवाए. 239 कॉलसेंटर स्थापित किए.

इसके अलावा 740 भोजन निर्माण केंद्र बनाकर 3लाख 76 हजार 978 लोगों को भोजन पैकेट, 50 हजार लोगों तक राशन और 4 हजार पीड़ितों तक दवा पहुँचाई. 852 सेवा संस्थानों के माध्यम से  6,501 कार्यकर्ताओं ने सेवा कार्य संपन्न किए. 638 स्वयंसेवकों ने 2 लाख 85 हजार मास्क निर्मित किए. 87 हजार लोगों को साबुन-सैनेटाइज़र वितरित किए. दूसरे प्रदेशों से आकर लॉकडाउन में फँस गए 5,418 लोगों की सहायता व देखभाल का काम और 298 स्थानों पर प्रवासी श्रमिक सेवा, 551 घुमंतू परिवारों की सेवा का कार्य स्वयंसेवकों ने किया. आयुर्वेदिक काढ़ा वितरण व रक्तदान किया.

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर भी संघ के स्वयंसेवकों ने कई तैयारियां की हैं. अब हम पहले से अधिक तैयारी के साथ हैं. 1 लाख आरोग्य मित्रों को कोरोना से बचाव का प्राथमिक प्रशिक्षण दिया गया है, जो महामारी से निपटने में महती भूमिका निभा सकेंगे. प्रांत की सभी बस्तियों व 18 सौ मंडलों के स्तर तक इन आरोग्य मित्रों को कोरोना किट प्रदान किए जा रहे हैं. इस किट में पीपीई किट, मास्क, थर्मल स्कैन, सैनीटाइजर व दवा इत्यादि शामिल हैं.

12 जनवरी को देवजी नेत्रालय में, देवजी नेत्रालय तथा सेवा भारती के संयुक्त तत्वाधान में ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन किया जा रहा है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समस्त समाज का आह्वान करता है कि हम सब कोरोना नियमों का पालन कर व योग-प्राणायाम व स्वस्थ जीवनचर्या को अपनाकर कोरोना को परास्त करें. इसलिए आगामी 1 से 7 फरवरी तक सभी स्वयंसेवक सूर्य नमस्कार महायज्ञ सप्ताह मनाएँगे. जीवन को उल्लास देने वाला मकर संक्रमण पर्व बस्तियों के स्तर पर मनाया जाएगा. शाखाएँ समाज की भागीदारी के साथ अपने वार्षिक उत्सव संपन्न करेंगी.

सभी स्वयंसेवकों से आग्रह है कि कार्यक्रम स्थगित हुआ है, कार्य नहीं. संघ कार्य की गुणात्मकता बढाने के प्रयास निरंतर चलते रहने चाहिए. कार्य विस्तार और दृढ़ीकरण करते हुए सभी बस्तियों को शाखा युक्त बनाने के लक्ष्य की ओर हमें निरंतर बढ़ते रहना है. हमारे साझा प्रयासों से अपना देश सभी आपदाओं में से विजयी होकर निकलेगा, ऐसा हमें पूर्ण विश्वास है.

इस अवसर पर संघ के सह प्रांत कार्यवाह अनिरुद्ध कौरवार, प्रांत प्रचार प्रमुख विनोद कुमार, सह प्रचार प्रमुख प्रशांत वाजपेई तथा विश्व संवाद केंद्र के सचिव श्रीनिवास राव उपस्थित रहे।