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भारत फिर अखंड बनेगा- डॉ. मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत ने कहा कि ज्योतिषियों का मानना है कि आगामी 20-25 वर्षों में भारत फिर से अखंड भरत बनेगा। अगर हम सब मिलकर इस कार्य की गति को आगे बढ़ायें तो आगामी 10 से 15 वर्षों में ही भारत अखंड बन जायेगा।

आपने कहा कि सनातन धर्म और भारत में पारस्परिक  समानता है, लेकिन जब राज्य बदलता है, तो राजा भी बदलता हैं। श्री भागवत हरिद्वार में सन्यास रोड स्थित श्रीकृष्ण निवास एवं पूर्णानन्द आश्रम में ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर श्री 1008 स्वामी दिव्यानन्द गिरि की मूर्ति, प्राण प्रतिष्ठा और गुरू´य मन्दिर का लोकार्पण करने के लिये पहुंचे और वृहद सभा को सम्बोधित कर रहे थे।

इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि भारत लगातार प्रगतिपथ पर आगे बढ़ रहा है। इसके रास्ते में जो व्यवधान उपस्थित करेंगे वे मिट जायेंगे। आपने यह भी कहा कि सनातन धर्म ही हिन्दू राष्ट्र है। हमारे मन में किसी के प्रति कोई द्वेष, शत्रुभाव नहीं है। लेकिन दुनिया केवल शक्तिशाली को ही पहचानती है। इसलिये हम अहिंसा की बात कहेंगे, पर हाथों में डंडा भी रखेंगे।

श्री भागवत ने अपने उद्बोधन में यह भी कहा कि जिस प्रकार भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत अंगुली से उठा लिया था, गोप-गोपालों ने सोचा उनकी लकड़ियों के सहारे गोवर्धन पर्वत रूका हुआ है। जब भगवान ने अपनी अंगुली थोड़ी सी हठायी तो पर्वत झुकने लगा, तब गोपालों को पता चला कि पर्वत तो भगवान श्रीकृष्ण की अंगुली के सहारे ही टिका है। उसी प्रकार संतों के आशीर्वाद से भारत फिर अखंड बनेगा।

आपने कहा कि हमारी राष्ट्रीयता गंगा के प्रवाह की तरह बह रही है। जब तक राष्ट्र है, तब तक धर्म है। एक हजार साल तक धर्म को समाप्त करने के लगातार दुष्प्रयास हुये, मगर प्रयास करने वाले मिट गये, पर हम और सनातन धर्म आज भी वही है। आपने आगे यह भी कहा कि अमृतमंथन के समय सबसे पहले हलाहल विष निकला था पर देवता अपने कर्तव्य से विचलित नहीं हुये। जब तक अमृत प्राप्त नहीं हो गया और सबसे पहले विश्व कल्याण के लिये शिव जी को वह विष अपने कंठ में धारण भी करना पड़ा। हमें भी ऐसे ही सतत् आगे बढ़ना होगा।

रामायण का उल्लेख करते हुये, आपने कहा कि लंका जाते समय हनुमान जी के सामने भी बड़ी-बड़ी बाधायें आयीं, लेकिन वे बाधाओं का निवारण करते हुये आगे बढ़ते चले गये।

कैसा था अखंड भारत?

सन् 1947 में आजादी मिलने के बाद भारत से अलग देश पाकिस्तान बना और उसके बाद सन् 1971 में पाकिस्तान से टूटकर बंगला देश बना।

अखंड भारत में अफगानिस्तान, भूटान, म्याँमार, तिब्बत, पाकिस्तान, बाँग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैण्ड शामिल थे।