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मास्क अवश्य लगायें: ओमिक्रोन के बाद नया वेरियेंट सम्भावित- डाॅ. किशन कछवाहा

दिन प्रति दिन कोरोना के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुये सावधानी और उससे बचने के उपायों का पूर्व की तरह व्यवहार- आचरण में उतारना आवश्यक हो गया प्रतीत हो रहा है। अतः इस मामले में स्वतः की अपनी जिम्मेदारी महसूस करते हुये ‘‘मास्क’’ का उपयोग करना प्रारम्भ कर दिया जाना चाहिये।

इसी प्रकार की सावधानी बरतते हुये कोरोना की पहली लहर को रोकने में सफलता प्राप्त कर ली गयी थी। इस सदी की यह हमलावर बीमारी पुनः दस्तक देती हुयी अपने आगमन की सूचना दे चुकी है। व्यक्तिगत कोशिशों और भारत सरकार की सक्रियता दुनिया भर में सराहना भी हुयी थी। अब जब असावधानी बरतना शुरू कर दिया गया है, ऐसी स्थिति में उसका आगमन पूर्व की तरह खतरनाक सिद्ध न हो सके, अतः वे बचाव के प्रयास पुनः प्रारम्भ करने की आवश्यकता है। जो आँकड़े रोज नयी सुबह सामने आ रहे हैं, उससे जन साधारण, केन्द्र और राज्य सरकारों की धड़कने तेजी से बढ़ने लग गयी हैं।

यद्यपि वैक्सीनेशन की रफ्तार को पुनः गति प्रदान करने के साथ-साथ बुजुर्गों और जरूरत मंदों को बूस्टर डोज देने की व्यवस्था भी प्रारम्भ की जा चुकी है। भारत में आ चुकी इस नयी लहर के मामले में विशेषज्ञों की राय अलग-अलग है। कुछ अन्य देशों के मुकाबले कम आँक रहे हैं, तो कुछ मान रहे हैं कि यदि आँकड़े इसी तरह बढ़ते चले गये तो इस नयी को रोकना कठिन भी हो सकता है। कतिपय विशेषज्ञों का ऐसा भी मानना है कि मौजूदा संक्रमण वृद्धि को देखते हुये दूसरी बड़ी लहर कहना जल्दबाजी होगी।

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लेकिन इस सब के बावजूद पुराना फार्मूला दो गज की दूरी और सही मानक का मास्क लगा लिया जाना सुरक्षित और आसान है, इसे मान लेने-अपना लेने और व्यवहार में लाने में कठिनाई कैसी? रात्रिकालीन कफ्र्यू तो लागू किया ही जा चुका है। इसके अलावा राज्य सरकारों ने कतिपय आवश्यक निर्देश भी जारी कर दिये हैं और जो आवश्यक समझे जावेंगे, उन्हें भी लागू किया जायेगा।

हमारी अपनी पहल या हो कि हम दो गज की दूरी और मानक स्तर के मास्क का उपयोग अवश्य करें। यह अत्यन्त राहत देने वाला एवं आत्मविश्वास प्रगट करने वाला विषय है कि सबसे बड़ी जनसंख्या वाला, विभिन्नताओं और जटिलताओं से घिरे इस देश नें कोविड संक्रमण से उत्पन्न परिस्थितियों का न केवल योजनाबद्ध तरीके से नियंत्रण प्राप्त किया वरन् ‘‘सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन’’ अभियान के अंतर्गत लोगों को संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करने में सफलता भी प्राप्त कर ली थी।

ओमिक्रोन के नाम से फैली बीमारी का इस आत्म विश्वास के साथ मुकाबला किया जाना चाहिये कि हम कोविड-19 का पूरी तरह से सफाया कर देंगे। जहाँ केन्द्र और राज्य सरकारें अपने स्वास्थ्यतंत्र की मजबूती की ओर ध्यान केन्द्रित किये हुये हैं, वहीं आम लोगों का भी दायित्व है कि वे संक्रमण से बचने के लिये सावधानी की ओर विशेष ध्यान दें। अभी भी सार्वजनिक स्थानों पर लोग बिना मास्क के दिख रहे हैं। यह औरों के साथ-साथ अपनी सेहत से खिलवाड़ करना माना जायेगा।

गत दिवस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की वर्तमान कोविड-19 स्थिति का जायजा लेने के लिये सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत के दौरान कहा कि ओमिक्रोन के बाद दूसरे कोविड वेरियेंट के लिये भी तैयार रहने की आवश्यकता है। हमें सतर्क रहना है।

लेखक:- डाॅ. किशन कछवाहा