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मुस्लिम पापुलर फ्रंट द्वारा संघ प्रचारकों एवं भाजपा नेताओं की हत्या की साजिश

एन.आई.ए. खुफिया एजेंसी द्वारा खुलासा किया गया है कि मुस्लिम परस्त संगठन पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया भाजपा और संघ के प्रचारकों सहित कई नेताओं की हत्या करना चाहता था। उसने आर.एस.एस. कार्यकर्ता संजीव की भी हत्या की है। इसके सबूत छापे की कार्यवाही में मिली पेनड्राईव से प्राप्त हुये हैं। यह संगठन आई.एस. जैसे कुख्यात संगठन के लिये मुस्लिम युवाओं की भर्ती भी कर रहा था। इनके पास से केरल के भाजपा व आर.एस.एस. के कार्यकर्ता और उनकी पहचान और मुहल्लों के नक्शे भी बरामद हुये हैं।

इस राष्ट्रीय एजेंजी एन.आई.ए. और ई.डी. की छापेमारी में जो सबूत मिले हैं, वे चैका देने वाले हैं। इन्दौर-उज्जैन से ऐसे तत्वों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से इलेक्ट्राॅनिक डिवाईस तथा देश विरोधी दस्तावेज मिले हैं। जो तत्व गिरफ्तार किये गये हैं, उनमें अब्दुल करीम बेकरी वाला, अब्दुल खालिद, मोहम्मद जावेद जमील शेख आदि हैं।

गत दिनों केरल में पेट्रोल बम फेंककर हमला किया गया था। यह मजहबी कट्टरवाद का जीता जागता उदाहरण है। क्या इसे भी मजहबी कट्टरता और जिहादी मानसिकता नहीं माना जायेगा? दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक तो ये है कि इन सब दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को नजर अंदाज करते हुये मुस्लिम परस्त नेता उल्टे ही संघ और भाजपा पर नफरत फैलाने का आरोप लगा रहे हैं। वे इस कायरतापूर्ण क्रूर और निर्मम हत्या पर चुप्पी साधकर बैठ जाते हें। इससे बड़ा पाखंड क्या हो सकता है?

विश्व स्तर पर हिन्दुओं पर हमलों की बढ़ोत्तरी एक हजार प्रतिशत तक बढ़ी है। इसके पीछे कट्टरवादी मुस्लिम संगठनों और श्वेतों का हाथ भी ब्रिटेन के मंदिरों में हमले कराने में पाकिस्तानी जिहादी गेंग का हाथ बताया जाता है। योजना बद्ध तरीके से हिन्दू विरोधी, नफरत और हिंसक एजेंडा बनाये जाने के सबूतों को अमेरिकी संस्था नेटवर्क क्रेटेलिया रिसर्च इन्स्टीट्यूट के सह संस्थापक द्वारा उजागर किया गया है। दस हजार अवैध पाकिस्तानियों को ब्रिटेन वापिस भेज भी चुका है।

कनाडा में भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गयी है। यहां भारतीयों के खिलाफ घृणास्पद हिंसा की घटनायें बढ़ी हैं। ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों को अब तक सजा नहीं मिल सकी है।

उल्लेखनीय है कि पी.एफ.आई. के 500 से अधिक ठिकानों पर छापेमार कर सवा सौ से अधिक षड़यंत्रकारी लोगों को सबूतों के साथ गिरफ्तार किया है, एन.आई.ए. के अनुसार आतंकवादियों को धन उपलब्ध कराने आतंक की ट्रेनिंग-प्रशिक्षण देने और लोगों को बरगलाने के मामलों को लेकर गिरफ्तारियाँ हुयीं हैं।

पी.एफ.आई. की जड़े अनेक स्थानों पर इतनी षड़यंत्रकारी और मजबूत हैं, जिनसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा बढ़ चुका है। इन आस्तीन के सांपों का समय रहते फन कुचलना आवश्यक हो गया है।

केरल में पी.एफ.आई. पर डाले गये छापों के विरोध में बौखलाये समर्थकों-मुस्लिम कार्यकर्ताओं ने बंद का आयोजन किया। कई शहरों में तोड़-फोड़ तथा संघ और भाजपा के कार्यालयों पर पथराव किया गया साथ ही बम भी फेंके गये। इन तथ्यों से हिंसक गतिविधियों और हिन्दू विरोधी मानसिकता स्पष्ट हो गयी है।

केरल हाईकोर्ट स्वयं इस मामले को संज्ञान में लिया है। आई.एस. एजेंट इसे वर्तमान केन्द्रीय कानूनों के स्थान पर शरिया कानून लागू कराने का सशक्त अड्डा बनाना चाहते थे.. ऐसा कर्नाटक पुलिस सूत्रों द्वारा जानकारी दी गयी है। मुख्य अभियुक्त शरीफ फरार है, अन्य दो आरोपियों माजमुनीर और सैयद यासीन आका यासीन और आका बल्लू को शिवमोगा कर्नाटक से गिरफ्तार कर लिया गया है।

इस पंजाब पुलिस ने आईएसएस समर्थक आतंकी जो कनाडा स्थित गेंगस्टर लखवीर सिंह उर्फ लेंडा और पाकिस्तान के गेंगस्टर हरविन्दर सिंह रिंडा को अन्य दो सहयोगियों को शुक्रवार को ही गिरफ्तार कर लिया गया था। इनका संबंध और इनकी भूमिका राकेट-ग्रेनेड हमले में तलाश थी।

केरल हाईकोर्ट ने पी.एफ.आई. द्वारा आयोजित हड़ताल को अदालत की अवमानना माना है।

पी.एफ.आई. की देश विरोधी गतिविधियों का पर्दाफास होने के बाद केकन्द्र सरकार ने साफ कर दिया है कि टेररफंडिंग और देश विरोधी गतिविविधयों में लिप्त किसी भी व्यक्ति व संगठन को बर्दास्त नहीं किया जायेगा। उल्लेखनीय है कि सन् 2017 में स्वयं एन.आई.ए. ने इस कुख्यात संगठन पर प्रतिबंध लगाने की केन्द्रीय गृह मंत्रालय से सिफारिश की थी। गत वर्ष इसकी स्टूडेंट यूनिट (कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया) के पांच सदस्यों के खिलाफ मनी लाॅड्रिंग के मामले में चार्जशीट दायर की गयी थी। ई.डी. की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि पी.एफ.आई. का एक राष्ट्रीय पदाधिकारी खाड़ी देशों से बिजनेस डील की आड़ में पी.एफ.आई. के लिये फंड जुटाया करता था। इस पर एक बड़ी रकम आपराधिक तरीकों से हासिल करने की बात भी सामने आयी थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस संगठन के पास भारत में हवाला के माध्यम से पैसा आता है।

चिन्ता का विषय जब ज्यादा गंभीर हो जाता है, जब ऐसी देश विरोधी कार्यवाही के विरोध में आवाजें उठायी जाती हैं, हड़ताल, उपद्रव किये जाते हैं।

~डॉ. किशन कछवाहा
9424744170