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मेवात के दंगे असल में सुनियोजित जिहादी साजिस है…

(सिकुड़ते- मिटते, नष्ट होते भारत की दांसता)

भारतीय समाज आखिर सो क्यों रहा है??? भारतीय समाज आखिर सत्य को कब पहचानेगा?? शत्रु द्वार पर खड़ा है, सर के ऊपर से पानी गुजर रहा है और समाज खर्राटे लेकर सो रहा है अथवा पेट पालू जीवन जीते हुए स्वार्थ ,व्यामोह, महत्वाकांक्षा व्यक्तिवाद, लोभ- लालच में फंसकर अपने नोनिहालों के भविष्य को नष्ट कर रहा है। क्या आप जानते हैं की भविष्य में हमारे बच्चे हिंदू नहीं रह पाएंगे! अपने धर्म-संस्कृति का पालन नहीं कर पाएंगे, अपने घर में सुरक्षित नहीं रह पाएंगी बेटियां क्योंकि हम चारों तरफ जिहादियों से, मस्जिद -मदरसों से ,मजारों से, अजान की आवाजों से, रोड पर होती नमाजो से, घिरते चले जा रहे हैं। देश का हिंदू यहां से वहां भाग रहा है। इस गलतफहमी में है की वहां पर हम शांति से रह सकेंगे किंतु पहुंचते ही वह भ्रम भी टूट जाता है। अरे! भागना समाधान नहीं है। बंधुओं ! समाधान डटकर मुकाबला करना है। हिंदू को ससस्त्र, शक्ति संपन्न ,संगठित होकर ठोस रणनीति बनाकर जिहादियों से संघर्ष करना होगा। वह भी गुरु गोविंद सिंह, महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी, बंदा बैरागी जैसे महापुरुषों से प्रेरणा लेकर, उनकी रणनीति पर चलकर। आखिर हमारे समाज को हो क्या गया है ?? वो आंखें क्यों बंद किए हुए शुतुरमुर्ग की तरह???

अरे हिंदुओं! जागो!! भारत खत्म हो रहा है, सिकुड़ रहा है, नष्ट हो रहा है, इस्लाम में कन्वर्ट हो रहा है। प्रतिवर्ष भारत में लाखों हिंदू लड़कियां लव जिहाद के सड़यंत्र में फंसा कर गायब कर दी जाती हैं। हिंदू समाज से इतनी संख्या घट जाती है। मध्यप्रदेश से ही प्रतिवर्ष लगभग 25- 30 हजार लड़कियां लव जिहाद के षड्यंत्र में फंस कर गायब/ कम/ खत्म हो रही हैं। पिछले 10 वर्ष में मध्यप्रदेश से लगभग 3.5 लाख लड़कियां गायब हो चुकी हैं और हम सो रहे हैं क्योंकि हमारी बेटी अभी गायब नहीं हुई है, जो गायब हुई है, वह तो पड़ोसी की बच्ची है। लेकिन ध्यान रखो बंधु अगला नंबर आपका भी है। बचोगे आप भी नहीं। यदि आपके पड़ोस में अजान की आवाज सुनाई देने लगी है तो आप भी बस मान कर चलिए 10-12 वर्ष से अधिक के नहीं बचे हैं। इस्लाम के आगोश में छल- बल से आपको ले लिया जाएगा /कन्वर्ट कर लिया जाएगा। फिर आपके वैभवशाली मकान- दुकान, नौकरी सब धरी रह जाएगी, कुछ काम ना आएगा। क्योंकि समय पर जागकर जो करना चाहिए था। वह तो आपने किया ही नहीं। अपने बेटे- पोते के लिए धन- दौलत संग्रह करते रहे, बड़े-बड़े मकान -दुकान बनाते रहे किंतु अफसोस कि आपने उनका भविष्य सुरक्षित नहीं किया । अतः वह भी हमारे कश्मीरी बंधुओं /हिंदुओं की तरह शरणार्थी बनने वाले हैं। वह भी अपने ही देश मे और जरा विचार कीजिए कि- कश्मीर के हिंदू तो दिल्ली, उ प्र, मध्य प्रदेश में शरण ले लिए किंतु आप कहां जाओगे??? आपके लिए तो कोई स्थान भी नहीं बचेगा??? सोते रहो ,सांप को पालते रहो, दूध पिलाते रहो किंतु वह आपको छोड़ने वाला नहीं है… उसकी प्रवृत्ति डसने की है, वह ड़सेगा अवश्य ही, यह सुनिश्चित है।

मेवात (नूंह) हिंसा/ दंगा पाकिस्तान द्वारा संचालित सामाजिक माध्यमों (12 गुट) उत्तरदायी हैं। हिंसा के आरोपी मुनसैद व सैकुल ,सैफुल्लाह एवं महबूब रोहिंग्या मुसलमान गिरफ्तार किए गए हैं। जांच में नए तथ्य सामने आ रहे हैं। पाकिस्तान से संचालित ऐसे 12 गुटों की जानकारी प्राप्त हुई है। जिनसे हरियाणा में मेबात के मुस्लिम जुड़े हुए हैं। जिन्हें फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप्प, टेलीग्राम से हिंसा के लिए मैसेज के द्वारा डायरेक्शन दिया जा रहा था। यह हिंसा पूर्व नियोजित थी। सैफुल्लाह व महबूब म्यांमार सीमा से असम में घुसे थे। साथ ही आधार कार्ड व पहचान पत्र बनवाने की बात भी कबूली गई है। नूंह में लगभग 2000 रोहिन्गये मुसलमान रह रहे हैं एवं हिंसा में अब तक 25 रोहिन्गयो मुसलमानो व अन्य 180 की गिरफ्तारी हो चुकी है। लगभग 50 FIR / अपराध पंजीबद्ध किए गए हैं।

आज मध्यप्रदेश मे भी स्तिथि ज्यादा ठीक नही है। अनूपपुर जिले में मजारों की संख्या 43, शहडोल 54, उमरिया 42 बन चुकी हैं। कोतमा – अनूपपुर में तो “दावते इस्लाम” मस्जिद भी रेल्वे अंडर ब्रिज के पास सरकारी जगह पर बन चुकी है । यही स्थिति लगभग-लगभग प्रदेश के प्रत्येक जिले की है। अब आप विचार करलें,आने वाले 10- 12 वर्षों में क्या होने वाला है। वर्तमान भारत में लगभग 3.5 लाख मस्जिदें बन चुकी हैं, जो जिहादियों के बंकर का काम कर रही हैं। यह जिहादी सेना मदरसों में तैयार होती है, मस्जिदों में ट्रेनिंग पाती है ,बैठक होती है। शुक्रवार की नमाज में इनको मैसेज/तकरीर अर्थात जिहाद का आदेश मिलता है कि कहां के हिंदुओं पर हमला करना है ; क्योंकि यह अपने आप को लुटेरे बाबर की औलाद मानते हैं अतः उनका संस्कार भी लूटपाट ,आगजनी ,दंगे ,हिंसा का है जो खत्म होने बाला नही है, फिर हम इस सत्य को क्यों नहीं समझते हैं??? और भविष्य के खतरे से अनभिज्ञ होकर मजे से जी रहे हैं, कितनी बड़ी मूर्खता है!! यह कि हमने घर/ देस में विषैले सर्प/नागों को पाल रखा है। जो हमें कभी भी ड़स सकता है अथवा देश /समाज को डस्ते चले जा रहा है। दरअसल दिल्ली,मुजफ्फरपुर ,बेंगलुरु, मणिपुर, यूपी के दंगे तो मात्र इनकी टेस्टिंग, ट्रेलर है, अभी तो पूरी फिल्म बाकी है।

दरअसल भारत में सांप्रदायिक दंगों का इतिहास काफी पुराना है। जिहादीयों कि यह रणनीति है कि पहले दंगा, आगजनी, हिंसा, लूट-पाट , बलात्कार करो फिर जब पुलिस प्रशासन, एजेंसियां कार्रवाई करें तो संविधान की आड़ में छुप जाओ। सरकार अल्पसंख्यक पर अत्याचार कर रही है। ऐसा कहकर शोर मचाओ ,झूठा विमर्श खड़ा करो। जबकि दंगे प्रीप्लांड (सुनियोजित) होते हैं। जिनकी महीनो पहले से तैयारी गुप्त रूप से चलती रहती हैं, जैसे कि दिल्ली के दंगे में छतों पर पत्थरों का जमाव, घरो में पेट्रोल का एकत्रीकरण, पत्थर फेंकने वाली मशीन का छतों पर लगा होना। आस-पास के क्षेत्र( जिलों) से युवा जिहादियों व हथियारों का एकत्रीकरण इत्यादि । बुर्के पहनकर जिहादी महिलाएं अग्रिम दस्ते में शासन व लोगों को भ्रमित करने, उलझाए रखने का काम करती हैं। लेकिन तब तक पीछे से दूसरी टीम हमला कर देती है। 8 साल का जिहादी मुस्लिम बच्चा गाडी मे आग लगाने में प्रशिक्षित है। यह जिहादी रणनीति का एक हिस्सा है। अतः हिंदू समाज को “जिहादी रणनीति” को समझते हुए अपने बचाव की योजना बनानी होगी। अत: “सौ सुनार की एक लौहार की।”

1946 में मुस्लिमों ने अपने लिए अलग राष्ट्र पाकिस्तान की मांग को मनवाने हेतु ‘डायरेक्ट एक्शन’ अर्थात ‘हिन्दुओ का कत्लेआम’ की कार्रवाई की थी। यह उनकी ‘जिहाद रणनीति’ का एक हिस्सा था। उस समय उन्होंने कहा था-

“लड़के लिया है पाकिस्तान ।
हँस के लेंगे हिंदुस्तान ।।”

जिस प्रकार 1930 के आस-पास ‘पाकिस्तान’ शब्द ‘विभाजन की योजना’ अस्तित्व में आ गई थी। उसके लिए बकायदा मुस्लिमों ने ससस्त्र सैनिक भर्ती  ‘आर्म गार्ड’ शुरू कर दी थी। जिससे उन्हें हिंदुओं का नरसंहार करने में मदद मिली, ठीक उसी तर्ज पर आज ‘PFI’ मुस्लिम सेना बन चुकी है। उस समय भारत का एक हिस्सा मुस्लिमों ने लड़कर के नेहरू- गांधी से ले लिया किंतु इस बार का प्लान उससे भी बड़ा व खतरनाक है। इस बार संपूर्ण भारत को ही कब्जा करने, अर्थात ‘दारुल इस्लाम’ में कन्वर्ट करने, मुगलिया सल्तनत लाने, भारत की संसद पर हरा झंडा फहराने का है। जिसके लिए जिहादी 100 प्रकार से ‘जिहादी कार्यक्रम’ देश में चला रहे हैं। दिन-रात एक कर रहे हैं। लव जिहाद, पीएफआई, आईएसआईएस, सिमी , लैंड जिहाद, हॉस्पिटल जिहाद, फल जिहाद, इजुकेशन जिहाद, गुप्त जिहाद इत्यादि उसके ही स्वरुप हैं । भारत में 1946 के दंगों में देश के विभिन्न शहरों, कस्वो, ग्रामों में लाखों की संख्या में जिहादियों ने हिंदुओं का नरसंहार किया था। भोला -भाला, निहत्था हिंदू खाने- कमाने में लगा था। उसे तो लगता था कि मेरे पड़ोस का अब्दुल मेरा मित्र-भाई है, मेरी उससे कोई दुश्मनी नहीं किंतु यह भ्रम टूटने में जरा भी देर नहीं लगी और भारतवर्ष के समाज को भीषण संकट, कष्ट से गुजरना पड़ा। अकेले नोआखाली- कोलकाता में एक दिन में लगभग 1लाख हिंदुओं की हत्या हुई ब हजारों स्त्रियों का बलात्कार किया गया। मोपला, मालावार, बंगाल, उ प्र, पंजाब, लाहौर में भीषण नरसंहार हुआ था। मुल्ला आस्दुद्ददीन ओवेसी हैदराबादी की भारत के हिन्दु समाज को इतनी बडी खुली धमकी… “जब योगी मठो में चले जाएंगे, मोदी पहाड़ों में चले जाएंगे तब तुम्हें कौन बचाने आएगा।”

जरा विचार कीजिए कि आज भारत में जब 80% हिंदू (बहुसंख्यक) हैं, तब एक बाबर की औलाद संपूर्ण भारतवर्ष को खुली चुनौती/ धमकी दे रहा है। आस्दुद्ददीन ओवेसी की भारत के हिन्दु समाज को खुली धमकी,,, इसका क्या आशय है?? जिहादी इतना दुस्साहस कर रहा है। उसके संकेत को समझना चाहिए की- मोदी -योगी के हटने के बाद देश में कितना नरसंहार, कत्लेआम होगा,जरा इसकी कल्पना कर लें!!! इन देहादियों का आखिर इरादा क्या है??? जागो!! भारत – कहीं देर ना हो जाए।

मेवात के नूंह में जिहादी सुनियोजित हिंसा हुई। जहां घेरकर हिंदुओं को मारा गया। हिंसा ,लूटपाट -आगजनी में सैकड़ो वाहनों को जलाया गया। दुकानों को लूटा गया, घात लगाकर पहाड़ों से गोलियां बरसाई गई, एक मंदिर में हजारों हिंदुओं को घेर लिया गया,तब भारी पुलिस बल ने वहां पहुंचकर निहत्थे हिंदुओं की जान बचाई। सरकारी आंकड़ों में 5 लोगों की जान गई, दर्जनों घायल हुए, कुछ लापता हैं। जब सरकार ने बुलडोजर करवाई करने का मन बनाया तो वे माननीय न्यायालय से स्थगन आदेश ले आए। संविधान की आड़ में छिपकर कुछ समय के लिए जिहादी बच गए हैं किंतु “बकरे की अम्मा आखिर कब तक खैर मनाएगी।”, “क्या गांव से बड़ी बारात होती है।”

आज ‘तूफानी हिंदू’/ ‘साइक्लोनिक हिंदू’ बनने की आवश्यकता है। तूफानी हिंदू अर्थात शौर्य- पराक्रम ,तेजस्वी ,मनस्वी हिंदू अर्थात गुरु गोबिंद सिंह, वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप, बंदा बैरागी, स्वामी विवेकानंद, समर्थ गुरु रामदास। तूफानी ,पराक्रमी ,तेजस्वी हिंदु प्रत्येक समस्या का समाधान है, तूफानी हिंदू प्रलयंकर भगवान शंकर एवं महाकाली की तरह अतुल्य, पराक्रमी ,तेजस्वी होता है। जो कॉल के प्रवाह को पलट देता है एवं शत्रु में हा-हाकार मचा देता है। जो असुरता का संहार करता है। यह सब ‘स्व’बोध – ‘आत्मबोध’ – ‘हिंदुत्व’ के बोध से होगा। अरे! जागो तो एक बार हिंदुओं!! तुम्हारे शौर्य- पराक्रम की गाथा सारी दुनिया गाएगी जैसे इतिहास में तुमने सारे विश्व ब्रह्मांड को अपनी मुट्ठी में हस्तगत कर लिया था; वैसा ही पराक्रम एक बार पुन: आज संसार को दिखाने की जरूरत आ पड़ी है।

शत्रु जिहादी बहुत कायर है। अभी गदर-2 फिल्म में नायक ने शेर की दहाड़ लगाई तो- गीदड़/ जिहादी कुत्ते की तरह भागते नजर आए , उनकी फट गई। बंदा बैरागी, गुरु गोविंद सिंह ,वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप, राणा सांगा से शत्रु सपने में भी भयभीत रहते थे, उनके नाम से कांपते थे, ऐसा होता है ‘तूफानी हिंदू’ ‘Cyclonic Hindu’ जिसकी चर्चा स्वामी विवेकानंद ने की थी, बस उसी का समय अब आ चुका है ।

हिन्दु को ‘सामरिक’ बन्ना होगा। हमारे पूर्वज ‘सामरिक’ ही थे। हिन्दुओ के पूर्वज महान पराक्रमी योद्धा थे। दिग्दिगंत मे उनके शौर्य – कीर्ति- पताका फहराती थी। सारी वसुधा हिन्दुओ के पराक्रम से डोल्ती थी। अब हिन्दु समाज को पुन: वही पराक्रम-शौर्य प्रकट करना होगा। तभी वर्तमान के रास्ट्रीय संकट/ विभिषिका पर विजय प्राप्त होगी। इससे कम में बात बनने वाली नहीं है।

स्वयं अब जागकर हमको,
जगाना देश है अपना ।।
समय है अब नहीं कोई ,गहन निद्रा में सोने का।
समय है एक होने का ,न मत भेदों में खोने का ।
बड़े बल राष्ट्र का जिससे , वो करना मेल है अपना।।
जगाना देश है अपना….
जतन हो संगठित हिंदू, सक्रिय भाव भरने का ।
जगाने राष्ट्र की भक्ति,उत्तम कार्य करने का।
समुन्नत राष्ट हो भारत, यही उद्देश्य है अपना।।
जगाना देश है अपना…. जगाना देश है अपना….

लेखक-
डॉ.नितिन सहारिया