Trending Now

The Kerala Story , संवेदनशील विषय पर सधे हाथों से बनी बेहतरीन फिल्म

– अमित गर्ग

कश्मीर फाइल्स की तरह ये फिल्म भी फिल्म नहीं, एक Emotion है। फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा Organized तरीके से केरल में हिंदू और क्रिश्चियन लड़कियों को लव जेहाद के ज़रिए फंसाया जा रहा है। ये देखकर आप हैरान भी होते हैं और दुखी। हैरान इसलिए कि ये समस्या इतनी बड़ी थी तो अब तक किसी ने आपको बताया क्यों नहीं और दुखी इसलिए कि किस तरह अपने ही लोग अपने ही देश में कट्टरपंथियों के ज़ुल्म का शिकार हो रहे हैं और उनकी सुनने वाला कोई नहीं।

फिल्म लव जेहाद की शिकार 3 लड़कियों की कहानी को बड़े ही सिलसिलेवार तरीके से दिखाती है। फिल्म बताती है कि कैसे इन लड़कियों की निशानदेही की जाती है। कैसे इनका ब्रेनवॉश किया जाता है। ब्रेनवॉश करने के लिए किन तरीकों का इस्तेमाल होता है और कैसे इस काम में लड़के-लड़कियों से लेकर मौलवी तक सब सभी संगठित अपराधी की तरह काम करते हैं। मगर ये सब दिखाने के क्रम में फिल्म जबरन कहीं भड़काने की या किसी को डिफेंड करने की कोशिश नहीं करती। फिल्म वही दिखाती है जो सच है। अब ये सच किसी को तकलीफ देगा तो इसमे तकलीफ सहने वाली की गलती हो सकती है मगर फिल्म की नहीं। सच अगर कड़वा है तो उसे उसी तरह परोसना होगा। उसके कड़वेपन से किसी के मुंह का टेस्ट न बिगड़ जाए इस डर से उसे जबरन चाश्नी लगाकर नहीं परोसा जा सकता।

फिल्म की कश्मीर फाइल्स से तुलना ज़रूर होगी। उस बारे में मैं इतना कह सकता हूं कि ये फिल्म तकनीक के लिहाज़ से उससे कहीं बेहतर है। इसका ट्रीटमेंट भी ज़्यादा मैच्योर है और शायद इसमें दिखाई सच्चाई भी उससे ज़्यादा दर्द देगी। फिल्म के एक सीन में पीड़ित लड़की आखिर में अपने पिता से शिकायत करती है कि आपने हमें कभी अपने कल्चर के बारे में क्यों नहीं बताया। मुझे लगता है कि उसका पूछा ये इकलौता सवाल ही फिल्म की सबसे बड़ी सीख है। और इस सीख के लिए हर किसी को ये फिल्म ज़रूर देखनी चाहिए।