गत पखवाड़े में कोरोना के मरीजों के मिलने की बढ़ती संख्या चिन्ता का विषय बनती जा रही है। यद्यपि इन आँकड़ों के सहारे तीसरी लहर की सम्भावना को मान लेना जल्दबाजी होगी। यद्यपि आशंका डरावनी भी हो सकती है, इस तथ्य से इंकार भी नहीं किया जा सकता। गत 24 घण्टों के दौरान देश में 42,667 मरीजों की पहचान की गयी। यद्यपि अब तक 36,422 को चिकित्सा समय हो पाने से वे स्वस्थ भी हुये हैं, जबकि 342 मरीजों को बचाया नहीं जा सका।
देशभर में अभी भी 3.99 लाख मरीजों का उपचार चल रहा है। पिछले पखवाड़े में कोई 40,000 नये मरीज मिले थे। पिछले दो सप्ताहों के दौरान एक्टिव केसों की बढ़ती संख्या में चिन्ता को अवश्य बढ़ा दिया है।
केरल राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को दृष्टिगत रखते हुये सुप्रीम कोर्ट ने केरल में 6 सितम्बर से 11वीं की परीक्षा कराने के राज्य सरकार के निर्णय पर अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट का मानना है कि केरल में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुये स्थिति चिन्ताजनक बनी हुयी है, अतः कोई जोखिम उठाना उचित नहीं होगा।
केरल राज्य इस समय प्रतिदिन 36-37 हजार मरीजों की चिकित्सा में जुटा हुआ है। यह एक ऐसा अकेला राज्य है, जहाँ मरीजों की संख्या चैंका देने वाली स्थिति में है। इसी कारण कोरोना की तीसरी लहर की सम्भावना व्यक्त की जाने लगी है।
मध्यप्रदेश में भी एक्टिव केसों की संख्या 0.03 प्रतिशत है। गत पखवाड़े के शुक्रवार के दिन 22 संक्रमित मिले थे। इसी प्रकार 14 अगस्त को भी 20 नये केस मिले थे। यद्यपि एक सितम्बर के बाद से इसमें कभी आयी है। लेकिन जबलपुर सहित प्रदेश के कुछ अन्य जिलों में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
वहीं महाराष्ट्र में भी कोरोना की रफ्तार तेज बतलायी जा रही है।