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देश को आजाद कराने में सभी वर्ग के लोगों ने दिया बलिदान

सागर-  स्वाधीनता का अमृत महोत्सव आयोजन समिति द्वारा 23 फरवरी बुधवार को कनेरा देव स्थित हेरिटेज होटल में स्वाधीनता का अमृत महोत्सव वर्ष के उपलक्ष्य में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में पहले मुख्य अतिथि श्री राघवेंद्र सिंह बुंदेला, आयोजन समिति के संरक्षक पंडित श्री विपिन बिहारी साथी महाराज एवं मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महाकौशल प्रांत के प्रांत प्रचारक श्री प्रवीण गुप्त ने दीप प्रज्वलित कर भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण किया।

तत्पश्चात कार्यक्रम तें मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक श्री प्रवीण गुप्त ने विचार रखते हुए कहा कि स्वतंत्रता आजादी एवं स्वाधीनता जैसे नाम अलग-अलग होते हुए भी एक ही है, देश को आजाद स्वतंत्रता एवं स्वाधीनता दिलाने में किसी व्यक्ति विशेष की भूमिका महत्वपूर्ण नहीं रही, बल्कि देश के पूरब से लेकर पश्चिम तक दक्षिण से लेकर उत्तर तक सभी जाति सभी वर्ग के लोगों ने देश को स्वतंत्र कराने के लिए भारत माता के लिए अपने प्राणों की आहुति देकर देश को स्वाधीनता दिलाने का कार्य किया है, आज ऐसे गुमनाम बलिदानियों को याद करने का समय है। वास्तव में आजादी के अमृत महोत्सव को सही मायनों में यादगार रूप से मनाने के लिए ऐसे गुमनाम बलिदानों को याद किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारत देश आजादी के पूर्व भी सभी क्षेत्रों में सामाजिक राजनीतिक व्यवसायिक दृष्टि से विश्व में अपनी अग्रणी भूमिका का निर्वहन करता रहा है। उन्होंने कहा कि भारत वास्तव में कृषि प्रधान देश नहीं था बल्कि व्यवसाय का आर्थिक सामाजिक क्षेत्र में भी अग्रणी रहा है।

आजादी के 75 वर्ष अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में हम सभी को ऐसे गुमनाम बलिदानों को याद करने में अपनी मातृभूमि का कर निर्वाहन करना है, क्योंकि भारत देश को आजाद कराने में एक व्यक्ति विशेष की भूमिका नहीं रही, बल्कि समाज के सभी वर्गों के लोगों ने बढ़ चढ़कर भारत माता को आजाद कराने के लिए लाखों की संख्या में बलिदान दिया। तब जाकर भारत देश को आजादी मिली।

कार्यक्रम का संचालन करण श्रीवास्तव एवं आभार अरविंद ठाकुर ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में स्वाधीनता अमृत महोत्सव आयोजन समिति के संयोजक राजकुमार सिंह सम्राट प्रतिमा अर्जरिया अलका श्रीवास्तव अंजली दुबे मनीष गोस्वामी राम सिंह बीके श्रीवास्तव बेनी प्रसाद बहन जगत सिंह वीरेंद्र मालथौन सहित बड़ी संख्या में अपेक्षित श्रेणी के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।