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भारत एकमेव राष्ट्र है जो पहले भी था अभी भी है और आगे भी रहेगा – डॉ. मोहन जी भागवत

जबलपुर – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत ने पूज्य सद्गुरुदेव श्रीमद् जगद्गुरु नृसिंह पीठधीसश्वर डॉ. स्वामी श्यामदेवाचार्य जी महराज जी की द्वितीय पुण्यतिथि में प्रतिमा का किया अनावरण। यहां 12 अप्रैल से कार्यक्रम चल रहे हैं, जिसका आज समापन हुआ। इस दौरान मोहन जी भागवत नरसिंह मंदिर परिसर में साधु संतों का आशीर्वाद भी लिया।

डॉ. मोहन जी भागवत ने कहा कि, दुनिया के अध्ययन में ये बात सामने आई है कि, सबसे ज्यादा सेवा हमारे संत करते हैं। सनातन धर्म ही हिंदू राष्ट्र, हिंदू संस्कृति है। भारत विश्व गुरु बनने जा रहा है और हमें बनना ही है। आज हम ही क्या, सारी दुनिया कह रही, भारत आने वाले दिनों की महाशक्ति है, लेकिन बिना शक्ति के कोई काम नहीं, शिव को भी शक्ति चाहिए, भागवत ने कहा कि, ये बात भी सत्य है कि भारत की शक्ति दूसरों को दर्द देने के लिए नहीं शांति प्रदान करने के लिए होगी। भारत विश्व गुरु बनने जा रहा है और हमें बनना ही है लेकिन संतों के बताए मार्ग पर चलकर बनना है।

डॉ. मोहन जी भागव कहा कि, भारत वर्ष पहले भी था आज भी है, बाद में भी रहेगा। हर राष्ट्र बनने का प्रयोजन पूरा करने के बाद देश अंतर्ध्यान हो जाते हैं, पर भारत का प्रयोजन खत्म नहीं हुआ है। मनुष्य सबसे दुर्बल है, लेकिन भगवान ने उसे बुद्धि दी, इसलिए वह सब प्राणियों का राजा है। मनुष्य सोचता है कि सब मिलकर रहें। मनुष्य ने समूह बनाए, जिन्हें कबीले कहा गया। कबीले लड़ते थे, रक्तपात होता था, इसलिए राजा बना दिया गया। भारत एकमेव राष्ट्र है जो पहले भी था अभी भी है और आगे भी रहेगा इसलिए भारत एक सत्य सनातन राष्ट्र है और उसका कारण सत्य धर्म पर आधारित जीवन शैली जो सदा शाश्वत है दुनिया के बाकी राष्ट्र अपने अपने उद्देश्य को लेकर बनते बिगड़ते रहे हैं भारत का उद्देश्य विश्व कल्याण का है

सरसंघचालक जी ने कहा कि भारत वर्ष का उत्थान हो यह भगवान की इच्छा है इसलिए भारत वर्ष का उत्थान अवश्यम्भावी है।

स्वामी विवेकानंद ने पहली बार कहा था कि, अपनी यह भारत माता अपने दिव्य रूप में विश्व गुरु के पद पर आरूढ़ होकर अपने दोनों करों से सारे विश्व को सुख शांति का वरदान दे रही है, उस समय किसी को भी विश्वास नही हो रहा था। उनके बाद योगी अरविंद ने बताया कि सनातन धर्म का उत्थान हो ऐसी मेरी इच्छा है, सनातन धर्म ही हिन्दू राष्ट्र है इसलिए हिन्दू राष्ट्र का उत्थान अवश्यंभावी है। तब भी किंतु परन्तु था। लेकिन आज हम क्या पूरी दुनिया कह रही है कि भारत आने वाले दिनों की महाशक्ति है। दुनिया में हमारी शक्ति दुर्बलों की रक्षा करेगी। सबको धर्म देगी किसी को मतांतरित नहीं करेगी। एक एक के विकास से सबका विकास है और एक का विनाश सबका विनाश है। दुनिया से उन्होंने आह्वान किया कि सत्य के आधार पर करुणा पूर्वक शुचिता पूर्वक परिश्रम से अपने राष्ट्र की प्रकृति के अनुसार सनातन धर्म के अपने जीवन के तरीके से अपने देश को खड़ा करो। धर्म क्या है हम बताएंगे हम किसी को जीतेंगे नहीं किसी को कन्वर्ट भी नहीं करेंगे।

अंत में सरसंघचालक जी ने कहा कि महाशक्ति यह शब्द योग्य नहीं है, भारत विश्व गुरु बनने जा रहा है वो हमको बनना है।

उक्त विचार आज ब्रह्मलीन स्वामी डॉ. श्यामदेवाचार्य जी की प्रतिमा के अनावरण के अवसर पर उपस्थित नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा।