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भूमि पूजन उत्सव से शुरु होगा भूमि सुपोषण एवं संरक्षण हेतु राष्ट्र स्तरीय जन अभियान;

भूमि सुपोषण अभियान का प्रारंभ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के पावन अवसर पर, १३ अप्रैल २०२१ से होगा। इस जन अभियान को कृषि एवं पर्यावरण क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं ने संकल्पित किया है।अभियान का मुख्य उद्देश्य, भारतीय कृषि चिंतन, भूमि सुपोषण एवं संरक्षण इन संकल्पनाओं को कृषि क्षेत्र में पुनःस्थापित करना, यह है।
जन अभियान में प्राधान्यतः भूमि सुपोषण, जन जागरण एवं भारतीय कृषि चिंतन एवं भूमि सुपोषण को बढ़ावा देने संबंधित कार्यक्रम रहेंगे। अभियान के प्रथम चरण की कालावधि तीन माह याने आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा, २४ जुलाई २०२१ तक होगी। आधुनिक कृषि में भूमि का स्थान मात्र एक आर्थिक स्रोत है।

Environment Earth Day In the hands of trees growing seedlings - stock photo | Crushpixel

परिणामतः इस आधुनिक कालखंड में हमने भूमि का सतत शोषण किया है। बहुत कम मात्रा मे हमने भूमि से निकाले हुए पोषण तत्वों का पुनः भरण किया है। वर्तमान में हमारे देश मे ९६.४० दशलक्ष हेक्टेयर भूमि अवनत है। यह हमारे कुल भौगोलिक क्षेत्र का ३०% है। भारत के अनेकों किसानों के अनुभव कहते हैं कि कृषि में लागत मूल्य निरंतर बढ़ रहा है,
भूमि की उपजाऊ क्षमता घट रही है, ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा भी निरंतर घट रही है जिसके कारण उत्पादन भी घट रहा है। भूमि की जल धारण क्षमता और जल स्तर अधिकांश स्थानों पर घट रहा है। कुपोषित भूमि के कारण मानव भी विभिन्न रोगों का शिकार हो रहा है। आधुनिक कृषि के गत वर्षों में भूमि सुपोषण संकल्पना की हमने अनदेखी की है।
अभी उचित समय है कि हम भारतीय कृषि चिंतन एवं उसमें स्थित भूमि सुपोषण संकल्पना को पुनः स्थापित करें। भूमि सुपोषण एवं संरक्षण हेतु राष्ट्र स्तरीय जन अभियान इसी दिशा में उठाया गया प्रथम चरण है। भारतीय कृषि चिंतन में भूमि को धरती माता ऐसे संबोधित किया है। हमारे प्राचीन ग्रंथो में इसके उदाहरण सहजता से पाए जाते है।
अथर्वेद के भूमि सूक्त मे कहा गया है, ‘माता भूमिः पुत्रो अहं पृथिव्याः।’ इसका भावार्थ है कि भूमि हमारी माता है एवं हम उस के पुत्र। तात्पर्य, भूमि के पोषण कि व्यवस्था करना हमारा कर्तव्य है। यह जन अभियान गत चार वर्षों से किए जा रहे व्यापक परामर्श प्रक्रिया का परिणाम है।
किसानों के साथ, कृषि वैज्ञानिकों के साथ परामर्शी बैठकें, कृषक अनुभव लेखन, कार्यशालाएँ, कृषकों के हित में एवं कृषि क्षेत्र में कार्यान्वित संस्थाओं से परामर्श, २०१८ में भूमि सुपोषण राष्ट्रीय संगोष्ठी इत्यादि से जन अभियान संकल्पित हुआ है। भूमि सुपोषण एवं संरक्षण हेतु राष्ट्र स्तरीय जन अभियान का प्रारंभ भूमि पूजन विधि से होगा।

 

यह विधिवत भूमि पूजन संपूर्ण राष्ट्र में, राज्यों में, जिलों में, ग्रामों में एवं नगरों में किया जाएगा। सभी जगहों पर विधिवत भूमि पूजन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के पावन अवसर पर, १३ अप्रैल २०२१ को प्रातः १०.०० बजे से प्रत्येक मंडल केन्द्र में (२८३३ केन्द्र) होगा एवं रामनवमीं तक प्रत्येक ग्राम (२३९१४) में करने की योजना है।
ग्रीष्मकाल में १४ मई अक्षय तृतीया से १४ जून गणेश चतुर्थी तक १ माह उपखण्ड केन्द्र (३५ से ४० गांवका केंद्र) ६९१ पर प्रबोधन एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न होंगे। हमारी भूमि का सुपोषण करना यह मात्र कृषकों का उत्तरदायित्व नहीं है। इस जन अभियान की मुख्य संकल्पना है कि भूमि सुपोषण एवं संरक्षण यह हम सभी भारतीयों का सामूहिक उत्तरदायित्व है।
अतः यह जन अभियान ग्रामों में और नगरों में भी कार्यान्वित होगा। अभियान के प्रथम चरण में भूमि सुपोषण को प्रत्यक्ष साकार करनेवाले कृषकों को सन्मानित करना, भूमि सुपोषण की विविध पध्दतियों के प्रयोग आयोजित करना, जो कृषक इस दिशा में बढना चाहेंगे उन को प्रोत्साहित करना। 
नगर क्षेत्रों में विविध हाउसिंग कालोनी में जैविक-अजैविक अपशिष्ट को अलग रखना एवं कालोनी के जैविक अपशिष्ट से कंपोस्ट (जैविक खाद) बनाना आदि गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। इस से अतिरिक्त सेमीनार, कार्यशाला, कृषक प्रशिक्षण, प्रदर्शनी आदि गतिविधियों का भी आयोजन होगा।
अभियान के महाकोशल प्रांत के संयोजक ओम ठाकुर ने बताया कि भूमि सुपोषण एवं संरक्षण हेतु राष्ट्र स्तरीय जन अभियान के क्रियान्वयन के लिए नई दिल्ली में कार्यालय स्थापित किया है। महाकौशल प्रांत में भी इस अभियान के लिए एक प्रांत स्तरीय समिति का गठन किया गया है।
सह संयोजक डा.अशोक पाण्डे दीनदयाल शोध संस्थान एवं श्री ताराचंद बेलजी संस्थापक जैविक जीवन शैली विज्ञान की योजना की गई है । प्रांत समिति की संख्या ८४ है। और इस समिति में ऐसे कृषक, गौपालक, हैं जो भारतीय कृषि चिंतन एवं भूमि सुपोषण संकल्पना को प्रत्यक्ष धरातल पर क्रियान्वित कर रहे है।
साथ ही पर्यावरण, जल, जीव, ऊर्जा, गौ संरक्षण के कार्य से जुड़े हुए महानुभाव, संत वृंद, सम्मिलित हैं। इस अभियान में अनेक संगठन जैसे -गायत्री परिवार, पतंजलि, रामकृष्ण मिशन, ईसा फाऊंडेशन, वंशीगिर गौशाला, एकलव्य फाऊंडेशन, ग्राम विकास, गौ सेवा, पर्यावरण गतिविधि के साथ ही अक्षय कृषि परिवार का भी समर्थन है ।
भारतीय किसान संघ, विश्व हिन्दू परिषद, विद्या भारती, वनवासी विकास परिषद, एकल अभियान, दीनदयाल शोध संस्थान, सेवा भारती, सहकार भारती, ग्राम भारती, भारत सेवाश्रम संघ, प्रज्ञा मिशन आदि अनेक संगठन सहभाग कर रहे हैं ।

।। जय मातृभूमि।।

प्रांत संयोजक:- ओम ठाकुर
मोबाइल  9407111313