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धर्म क्षेत्र के तपस्वी एवं परम् ज्ञानी अनंत विभूषित पूज्य शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के बिना समस्त हिन्दू समाज एवं समूचा राष्ट्र उनके मार्गदर्शन से वंचित रहेगा– सरसंघचालक

जबलपुर – ब्रह्मलीन अनंतश्री विभूषित जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज के षोडशी कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक डॉ. प्रदीप जी दुबे, सह क्षेत्र कार्यवाह श्री हेमन्त जी मुक्तिबोध व प्रांत प्रचारक श्री प्रवीण जी गुप्त ने परमहंसी गंगा आश्रम झोतेश्वर में जाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किये.

इस अवसर पर सह क्षेत्र कार्यवाह श्री हेमन्त जी मुक्तिबोध अपनी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से पूज्य स्वामी स्वरूपानंद जी सरस्वती को श्रद्धांजलि अर्पित किया तथा परम् पूज्य सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत तथा माननीय सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले जी द्वारा प्रेषित शोक संदेश का वाचन किया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, महाकौशल प्रांत के प्रचार प्रमुख विनोद कुमार सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत ने अपने शोक संदेश में कहा कि अनंतश्री विभवूित पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज का शरीर पूर्ण होने का दु:खद समाचार मिला श्री द्वारका के शारदा पीठ के शंकराचार्य के ब्रह्मलीन होने से धर्म क्षेत्र के तपस्वी एवं परम् ज्ञानी आचार्य अब अपने मध्य सशरीर नहीं रहे । समस्त हिन्दू समाज एवं समचूा राष्ट्र उनके मार्गदर्शन से वंचित रहेगा। ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में अनंत व अखण्ड वास प्रदान करें।

संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबोले ने भी अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए पत्र में लिखा कि ब्रह्मलीन अनंत श्री विभूषित पूज्य शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज की स्मृति में हो रहे षोडशी एवं भण्डारा कार्यक्रम की सूचना और उसमें उपस्थित रहने के लिए पूज्य स्वामिनः अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज जी की अपेक्षानुसार आपने मुझे भेजा हुआ निमंत्रण प्राप्त हुआ। इसके लिए धन्यवाद प्रकट करता हूँ । यद्यपि उक्त कार्यक्रम में रह कर ब्रह्मलीन शंकराचार्य जी की स्मृति में श्रद्धांजलि समर्पित करना मेरा कर्तव्य है, अपितु मुझे खेद है कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के कारण मैं उपस्थित नहीं रह पाऊँगा।

असम के गुवाहाटी में “लोकमंथन” आयोजन आज से प्रारंभ में हो रहा है, जिसमें महामहिम उपराष्ट्रपति तथा केरल के राज्यपाल महोदय के साथ मैं भी एक अतिथि के नाते यहाँ आया हूँ। कल मेरा सत्र है व परसों समारोप में रहना है। अतः मुझे आप क्षमा करने की कृपा करेंगे। संघ के 2-3 क्षेत्रीय व प्रांतीय प्रमुख पदाधिकारी वहाँ उपस्थित रहेंगे । ब्रह्मलीन पूज्य स्वरूपानंद जी महाराज जी की स्मृति में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से मैं श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ।