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द केरला फाइल्स : ए ग्लोबल जिहाद

( A global diabolical conspiracy )

– डॉ. नितिन सहारिया

‘द केरला फाइल्स’ मात्र केरल की हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण की कहानी मात्र नहीं है, यह तो 1300 वर्षों से चल रहे ”ए ग्लोबल जिहाद” का एक हिस्सा मात्र है। कभी ईरान ,इराक, पर्शिया ,इंडोनेशिया ,मलेशिया, अफगानिस्तान, पकिस्तान यह सभी हिंदू संस्कृति से ओत -प्रोत थे । यहां भी राम -कृष्ण ,शिव के देवालय हुआ करते थे। कभी वन्हा हिंदू संस्कृति का घंटा गूंजा करता था किंतु इस्लाम की आंधी ने इन सभी को अपने आगोश में ले लिया और देखते-देखते यह सभी इस्लाम में कन्वर्ट कर लिए गए । कोई 50,कोई 100 वर्ष में लगभग सभी इस्लाम में कन्वर्ट कर लिये गए । वर्तमान भारत भी उसी प्रक्रिया से गुजर रहा है । एक- एक ईट से भवन बनता है और एक- एक ईंट के नष्ट होने से संपूर्ण राष्ट्र रुपी भवन नष्ट भी हो जाता है।जो अभी भारत के काश्मीर,बंगाल,केरल, उत्तराखंड ,आन्ध्रप्रदेश ,तमिलनाडु ,झारखंड, तेलंगाना ,असम मे हो रहा है वैसा ही कभी अफगानिस्तान, पकिस्तान मे भी हुआ था। और आज परिणाम इस्लामिक रास्ट्र के रुप मे सामने है। अत: “हिंदू घटा -देश बटा”।

ये मुसलमान इतना चालाक है कि बेचारा बनकर पूरी दुनिया में शरण मांगता है और जिस देश में घुसा, फिर कुछ समय बाद उसी देश को निगल जाता है। इस मामले में जापान ,चीन,म्यानमार कुछ समझदार जान पड़ते हैं। जापानियों ने इन मुस्लिम का जीना हराम कर दिया ऐसे प्रतिबंध लगाए, इनका सारा हुक्का- पानी बंद कर दिया। तब जापान से जिहादियों ने डेरा बांध लिया। ऐसे ही चीन में भी इनको ‘डिटेन्शन कैंपो’ में रखकर प्रताड़ित किया जा रहा है। इनकी सारी स्वतंत्रता छीन ली गई है। 24 घंटे इन पर निगरानी रखी जाती है कैंपो में। यह दुर्दशा, बदहाली का शिकार हो रहे हैं। किंतु भारत में इनको सारी फैसिलिटी है; जिसका यह नाजायज फायदा उठा रहे हैं और जिस थाली में खाते हैं उसी को कुतर रहे हैं।

NCRB से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार ( 2016 से 2020 ) मिसिंग वूमेन कुल-
तमिलनाडु 53780 , पश्चिम बंगाल 143102 , उत्तरप्रदेश 25535 । मध्यप्रदेश में भी प्रतिवर्ष 25 से 30 हज़ार लड़कियां गायब हो जाती हैं। कुल मिलाकर ऐसा जान पड़ता है कि पिछले 10 सालों में लगभग 10 से 15 लाख लड़कियां भारत के अन्य सभी प्रांतों से गायब हुई हैं। तब हमें समझना चाहिए कि – भारत को निगलने का ‘ग्लोबल जिहाद ‘ का एजेंडा कितना बड़ा भयानक सड़यंत्र है।

केरल हॉस्पिटल में 1 दिन में जन्मे बच्चों का रिकॉर्ड अनुसार- हिंदू 37, ईसाई 12, सिख 17, मुस्लिम 167 है । वंही भारत के सरकारी हॉस्पिटल में एक दिन में जन्मे बच्चों के रिकॉर्ड अनुसार – हिंदू 3337 , क्रिश्चियन 1222 , सिख 1117, मुस्लिम 58167 है ।
“लम्हों ने खता की और सदियों ने सजा पाई।”

इस्लाम पर रिसर्च करने पर ऐसा जान पड़ता है कि दुनिया में फसाद की जड़ इस्लाम (कुरान) अथवा वहाबी विचारधारा है । यदि इसे समय रहते नहीं रोका गया तो यह “संपूर्ण विश्व मानवता” को निगल लेगी। यह ‘अमरबेल’ की तरह एक ‘परजीवी’ है। आज देश में ना जाने कितनी फाइल्स निरन्तर बन रही हैं – ‘द बंगाल फाइल्स’ , द उत्तराखंड फाइल, द कांग्रेस फाइल्स,द कम्युनिस्ट फाइल’ ” There are many types of JIHAAD in the Bharat and the world. ”
एक मुसलमान (मुनव्वर) कई साल पहले कह रहा था – ” भैयाजी कछु दिन और रुक जाओ फिर हमरो ही राज आवे बारो है ,सब हमरो ही होबे वारो है। ”
इस कथन से ऐसा जान पड़ता है कि मुल्ला- मौलवी घर -घर जाकर अथवा मस्जिदों में मूसलमानो को यह पट्टी पढ़ा रहे हैं की संख्या बढ़ाओ और देश पर कब्जा करो। कुछ समय बाद हमारा विधायक – सांसद ,सीएम फिर पीएम भी हमारा होगा और फिर संसद पर हरा झंडा लहराएंगे व भारत में शरिया कानून लागू कर देंगे; यानी भारत को इस्लामी राष्ट्र घोषित कर देंगे जैसा की इंडोनेशिया ,ईरान ,इराक में किया फिर सब खत्म जानिए।

‘लव’ को जिहाद का हथियार बनाया जा रहा है। पश्चिमी सभ्यता के जाल में फँसकर अथवा अपने हिंदू धर्म की श्रेस्ठता / महानता के ज्ञान से वंचित रह जाने के कारण अथवा अज्ञानता या वहलावे में लव जिहाद के शिकार हो जाते हैं । जिसका अंतिम परिणाम संपूर्ण विनाश या मौत होता है।

जागो तो एक बार ,हिंदू जागो तो।
जागे थे जब वीर शिवाजी,
भाग गए सब मुल्ला काजी ।
बची ना एक मजार ,हिंदू जागो तो।। …
जागे थे गुरु गोविंद प्यारे,
चारों बच्चे देश पे बारे ।।
मच गई हा-हाकार – हिंदू जागो तो ।।…
जागो तो एक बार… हिंदू जागो तो !!

समाधान व समस्या हम स्वयं ही हैं। विचारक श्री शिवखेड़ा का कहना है कि – “यदि हम समाधान का हिस्सा नहीं तो हम ही समस्या हैं। ”
समाधान है देश के समाज का जागरण हो, समाज संगठित होकर खड़ा हो , समाज शक्ति की उपासना करें अतः सशस्त्र होकर खड़ा हो । देश का समाज अपने ‘ स्व ‘ को पहचाने। हम दुर्गा -काली ,महाकाल के उपासक हैं । हम चक्र सुदर्शन धारी श्रीकृष्ण के उपासक हैं फिर यह कापुरुषता, ब्यामोह, निष्ठुरता क्यों ?? हम गीता के उपासक हैं , अत: शरीर नश्वर है व हम शाश्वत- सनातन अमर आत्मा हैं । अपने देश -धर्म के लिए अनेकों बार इस देह का उत्सर्ग करते आए हैं व करेंगे। बार-बार भारत माता को अपना शीश अर्पण करेंगे ,बलिदान देंगे !!

भारत हमारी मां है, माता का रूप न्यारा।
करना हमें है रक्षा, कर्तव्य है हमारा ।।

अतः बलिदानी संकल्प जगा कर राष्ट्रीय -सामाजिक कर्तव्यों का निर्वहन हमें करना ही होगा। तभी हम सच्चे भारत मां के बेटे कहलाने के अधिकारी होंगे।

प्राण से प्रिय हमारे लिए है वतन,
स्वर्ग से भी बड़ा है, हमारा वतन ।।
रक्त से भी अगर सींचना पड़ गया ,
बेहिचक सींच देंगे ,वतन का चमन ।।…

इतिहास से प्रेरणा लेकर, यशश्वी पूर्वजों को स्मरण करके, हमें समाज को जागृत- संगठित करके संघर्ष करना होगा। हमारे सामने गुरु गोविंद सिंह ,वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप का आदर्श है अतः विजय निश्चित है । बस फेंको वंशी और उठा लो हाथों में तलवार …. हो जाओ तैयार साथियों….. हो जाओ तैयार …..

“एहि सम विजय उपाय न दूजा ।”