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ईसाई बिशप पी.सी. सिंह के घर से मिले एक करोड़ 65 लाख रुपये नगद:

ईओडब्ल्यू पहुंची निवास पर छापा मारने, 18 हजार डालर विदेशी मुद्रा भी हुई बरामद:

जबलपुर। क्रिश्चियन मिशनरी बिशप पी.सी. सिंह के घर पर ईओडब्ल्यू के छापे की कार्यवाई में विदेशी करंसी सहित भारतीय नगदी भी बरामद हुई है। ईओडब्ल्यू के पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र प्रताप सिंह राजपूत के अनुसार बरामद नोटो की गिनती के बाद ही विस्तृत जानकारी दी जायेगी। बरामद नोटों की गिनती के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की टीम बिशप हाउस के निवास में पहुंच चुकी है।

ज्ञात हो कि बिशप पी.सी सिंह पिछले 10 दिनों से जर्मनी प्रवास पर हैं, एक अनुमान के अनुसार करीब 20 हजार से अधिक अमेरीकी डॉलर तथा अन्य देशों की करंसी भी बरामद हुई है। उल्लेखनीय है कि आज क्रिशियन मिशनरी के बिशप पी.सी. सिंह के घर एवं कार्यालय में जबलपुर ईओडब्ल्यू की टीम ने सर्च कार्यवाही प्रारंभ की है। बिशप पी.सी. सिंह पर 2 करोड़ 70 लाख रुपये की धोखाधड़ी एवं गबन का आरोप है।

आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ को प्राप्त शिकायत की जाँच उप पुलिस अधीक्षक श्री मनजीत सिंह से कराई गई है। शिकायत में अनावेदक बिशप पी.सी. सिंह, चेयरमैन, द बोर्ड ऑफ एजूकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया जबलपुर डायोसिस जबलपुर के विरूद्ध कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर मूल सोसायटी का नाम परिवर्तन करना तथा उसका चेयरमैन बनकर पद का दुरूपयोग करते हुए सोसायटी की विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में प्राप्त होने वाली छात्रों की फीस की राशि का उपयोग धार्मिक संस्थाओं को चलाने एवं स्वयं के उपयोग में लेकर गबन करने के आरोप लगाये गये थे।

जाँच में शैक्षणिक संस्थाओं से वर्ष 2004-05 से वर्ष 2011-12 के बीच लगभग 2 करोड़ 70 लाख रुपये की राशि धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर कर इसका दुर्विनियोग करना तथा स्वयं के उपयोग में लेकर गबन करने के आरोप प्रथम दृष्टया प्रमाणित पाये गये।

शिकायत जाँच में आये साक्ष्यों के आधार पर आरोपी बिशप पीसी सिंह, बीएस सोलंकी, तत्कालीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार फम्र्स एण्ड संस्थाएं, जबलपुर के विरूद्ध धारा 406, 420, 468, 471, 120 बी भादंवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

प्रकरण की विवेचना उप निरीक्षक श्रीमति विशाखा तिवारी द्वारा की जा रही है। प्रकरण की विवेचना के दौरान प्रकरण से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेजों एवं गबन की राशि से अर्जित संपत्तियों की जानकारी जुटाने हेतु मान. न्यायालय से विधिवत् सर्च वारंट प्राप्त कर आज 8 सितंबर 2022 के प्रात: बिशप पी.सी. सिंह के निवास स्थान बिशप हाउस नेपियर टाउन जबलपुर एवं कार्यालय नेपियर टाउन, जबलपुर में तलाशी कार्यवाही ईओडब्ल्यू की टीम द्वारा प्रारंभ की गई, जो जारी है। 

अभी तक इतनी मिली नगदी – ईओडब्ल्यू एसपी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि दोपहर तक बिशप पी.सी. सिंह के निवास की तलाशी में प्रकरण से जुड़े दस्तावेज़ों के अतिरिक्त लगभग 1 करोड़ 65 लाख रुपए नगद भारतीय मुद्रा में तथा लगभग 18 हज़ार डालर विदेशी मुद्रा में बरामद हो चुके हैं। इसके अलावा अभी कार्यालय की भी तलाशी होना शेष है। कार्यालय की तलाशी के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि कुल कितनी रकम एवं दस्तावेज मिले हैं।

बिशप पीसी सिंह उर्फ प्रेमचंद सिंह पर देशभर में दर्ज हैं 99 आपराधिक प्रकरण – 
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्लूयू) की छापेमारी के बाद सुर्खियों में आए बिशप पीसी सिंह उर्फ प्रेमचंद सिंह के खिलाफ देश के अलग-अलग राज्यों में करीब 99 आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं, जिनमें ज्यादातर मामले अमानत में ख्यानत के हैं। इनमें छेड़छाड़, अवैध वसूली, फर्जी दस्तावेज बनाने सहित अन्य प्रकरण भी शामिल हैं। यह भी आरोप लगाए गए थे कि बिशप पीसी सिंह ने अपने सहयोगी पीटर बलदेव से मिलीभगत कर मिर्जापुर में दस करोड़ रुपये कीमती जमीन को बेच दिया था। कुछ समय पहले प्रधानाचार्या क्राइस्ट चर्च कालेज, हजरतगज लखनऊ राकेश कुमार चत्री ने इस संबंध में थाना हजरतगंज लखनऊ को शिकायती पत्र भी सौंपा था। जिसमें बताया गया है कि पीटर बलदेव पूर्व में बिशप था। उसके खिलाफ के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज हुए तो तत्कालीन चर्च आफ नार्थ इंडिया के पदाधिकारियों ने पीटर बलदेव को बिशप पद से हटा दिया था। इसके बाद पीसी सिंह बिशप बना।

पीसी सिंह ने पीटर बलदेव से मिर्जापुर की जमीन बिकवा दी और बलदेव ने जमीन बेचकर पांच करोड़ रूपये बिशप पीसी सिंह को पहुंचा दिए। इसके बाद पीसी सिंह ने उसे बिशप पद पर बहाल कर दिया था। इसी शिकायत में बिशप पीसी सिंह के खिलाफ देश के कई राज्यों में दर्ज FIR की भी जानकारी दी गई थी। साथ ही यह मांग भी की गई थी कि पीसी सिंह द्वारा अवैध तरीके से अर्जित की गई अरबों की संपत्ति को जब्त की जाए।