महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब व हरियाणा से कोरोना के सम्बंध में जो समाचार मिल रहे हैं, उससे हमारा यह वहम टूट जाना चाहिये कि कोरोना से अब डरने की आवश्यकता नहीं रह गयी है। कोविड से सावधानी वाले प्रयासों में अभी ढ़ील दिया जाना खतरनाक साबित हो सकता है।
अतः सावधान रहना अत्यन्त आवश्यक है। कोरोना के लिये पहले जो गाईडलाईन जारी की गयी थी, उसका पालन करना आवश्यक हो गया है। नागपुर में लाॅकडाॅउन और अन्य कई राज्यों में नाईट-कफ्र्यू का ऐलान किया जा चुका है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान भी कह चुके हैं-
कि संक्रमण की स्थिति यदि इसी तरह बनी रही तो इस प्रदेश में भी नाईट-कफ्र्यू जैसी बंदिशों को प्रयोग में लाया जा सकता है। इन्दौर और भोपाल के लिये ऐसे कदम उठाये जा सकते हैं। कोरोना के सम्बंध में नयी गाईडलाईन भी जारी का जा सकती है। देश भर से कोरोना की दूसरी लहर की सम्भावनाओं जैसी खबरें मिल रहीं हैं।
सरकारी सूत्रों के अनुसार गत शुक्रवार तक कोरोना के नये मरीजों की संख्या 24882 तक पहुँच चुकी थी। ये नये मामले थे, जो सामने आये हैं। इसने लोगों को बुरी तरह चैंका दिया है। सरकारी मशीनरी भी सचेत हो गयी है। देश के दस मुख्य शहरों पुणे, नागपुर, ठाणे, मुम्बई, बैंगलूर आदि में सर्तकता पूर्ण कदम उठाये जा रहे हैं। जबलपुर में भी नये 59 मरीज मिले हैं।
मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। यदि इसी तरह लापरवाही बरती गयी तो गम्भीर चपेट में आने की सम्भावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। मास्क लगाये बिना निकलने वालों की संख्या बढ़ी है। सार्वजनिक स्थानों पर सेनिटाईजेशन की व्यवस्थायें लगभग के बराबर रह गयी है। सोशल डिस्टेंसिंग में भारी लापरवाही बरती गयी है।
अभी बीते दिनों में कई त्यौहारों में भारी भीड़ देखी गयी है, जिसमें कोरोना गाईडलाईन का पालन नहीं हुआ, हुआ भी तो न के बराबर। देश के पाँच राज्यों में अभी चुनाव होना है। बड़ी-बड़ी रैलियाँ होंगी, नेतागण आमसभाओं को भी सम्बोधित करेंगे। प्रश्न उठता है कि क्या ऐसे अवसरों पर कोरोना गाईडलाईन का पालन हो सकेगा?
यह अत्यन्त सन्तोष का विषय है कि भारत द्वारा बनायी गयी वैक्सीन के लिये दुनिया भर के लोग एक आशाभरी दृष्टि से देख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह सत्प्रयास दुनिया भर के देशों के लिये आशा की किरण बिखेर रहा है। भारत ने पहले भी कोरोना काल के दौरान प्रारम्भिक दिनों में ही विश्व के अनेक देशों को मुफ्त दवायें और उपकरण उपलब्ध कराये थे,
भारत मानव कल्याण और वसुधैवकुटुम्बकम् की अवधारणा पर चलने वाला देश है। भारत ने अभी 6 देशों – बंगलादेश, मालदीव, भूटान, नेपाल, म्याँमार और सेशल्स को वैक्सीन की आपूर्ति की है। अब तक भारत द्वारा 150 देशों को चिकित्सा सामग्री उपलब्ध करायी है। बायोटेक कम्पनी, आई.सी.एम.आर., सीरम इन्स्टीट्यूट द्वारा वैक्सीन-कोविशील्ड का विर्निमाण किया जा रहा है।
इन दोनों वैक्सीन का गत 16 जनवरी 2021 से टीकाकरण कार्यक्रम भी प्रारम्भ किया जा चुका है पिछले दिनों प्रधानमंत्री श्री मोदी को कदमों के साथ राज्यों ने भी कदम से कदम मिलाकर कोरोना के मामले में काबू पाने के लिये प्रशंसनीय कार्य किया था। इसकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना भी हुई। देश में फिर गत वर्ष जैसे हालात बन जाने की एक बार फिर आशंका पैदा हो गयी है।
हालाँकि कोरोना टीकाकरण का भी रिकार्ड बना है। एक दिन में 20,53,537 लोगों को टीका लगाया गया है। अब तक टीके की 2.6 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं। जबलपुर जिले में गत दिवस जाँच के दौरान मिले मरीजों की संख्या ने प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है। वैसे भी प्रदेश के इन्दौर, भोपाल , सीधी, सतना, डिण्डौरी, सिवनी, नरसिंहपुर, दमोह, सागर और रीवा में भी संक्रमित मिले हैं।
उम्मीद की जा रही थी कि यह कोरोना बीमारी शीघ्र बिदा हो जायेगी लेकिन हमारी सबकी लापरवाही और प्राथमिक स्तर पर बरती गयी ढील के कारण इस बीमारी ने फिर से करवट बदलना शुरू कर दिया है। यह सभी को गम्भीरता से सोचना है-
कि जब तक कोरोना का टीकाकरण पूरी तरह से नहीं हो जाता तब तक लापरवाही न बरती जाय और कोविड गाईडलाईन का पालन हो जैसा कि शुरूआती समय में किया गया था। हम स्वयं जिम्मेदार बने, दूसरों को भी सचेत रहने के लिये कहें। कोरोना के संक्रमण से अभी हमें बचना है।