नई दिल्ली- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख माननीय श्री मोहन भागवत जी ने कहा है कि जब हमारे अंतःकरण में अपनत्व का भाव होगा तभी हम दूसरों की सेवा कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि समाज सेवा के भाव से मानवता का वैभव बढ़ता है और संपूर्ण समाज में सेवा का भाव जाग्रत होता है।
दिल्ली के अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से आयोजित सुयश के कार्यक्रम में प.पू. सरसंघचालक मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले स्वयंसेवी संगठनों को संबोधित करते हुए कहा कि उनके द्वारा किए जाने वाले सामाजिक कार्यों से मानवता का कल्याण तो होता ही है साथ ही राष्ट्र को भी गति मिलती है।
संघ प्रमुख माननीय श्री मोहन भागवत जी ने कहा कि सेवा का भाव ‘मैंने किया है’ में नहीं है, बल्कि ‘समाज के लिए किया है, अपनों के लिए किया है, राष्ट्र के लिए किया है’ इस तरह का सेवा का भाव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेवा से समाज का हौसला बनता है और समाज खड़ा होता है। एक सशक्त राष्ट्र के लिए समाज का हौसला बहुत जरूरी है। सेवा का कार्य ईश्वर का कार्य है इस भाव से जब हम समाज सेवा का काम करते है तो सभी कार्य स्वयं पूर्ण होने लगते है।
भगवान स्वयं सेवा करने वालों को बल देते हैं, वास्तव में मानव मात्र की सेवा ही ईश्वर की सेवा है। संघ प्रमुख ने कहा कि वास्तव में यही भारतीय दर्शन और चिंतन है। संत तुकाराम के संदेशों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जो वंचित है, जो अभावग्रस्त है, जो पीड़ित है, उनकी जो सेवा करता है वही साधु है।
सुयश के इस कार्यक्रम में दिल्ली के अनेक क्षेत्रों में काम करने वाले सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से संघ प्रमुख माननीय श्री मोहन भागवत जी ने कहा कि आप जिस भी क्षेत्र में काम कर रहे है उसमें तमाम अभावों और अड़चनों के उपरांत भी आपका सेवा भाव समाज में प्रकाश फैला रहा है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आपके कार्यों को राष्ट्रीय पटल पर ले जाएगा और आपकी सभी गतिविधियों में सहयोग करेगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने समाज उपयोगी युवा शक्ति (सुयश) नाम से शुरू किए अपने नए प्रकल्प में दिल्ली की अनेक स्वयंसेवी संस्थाओं को जोड़ कर उनके कार्यों को व्यापक मंच देने की पहल की है।
सुयश व्दारा आयोजित इस कार्यक्रम में भरतपुर राजस्थान से ‘अपना घर’ नाम के स्वयंसेवी संगठन चलाने वाले डॉक्टर बृजमोहन भारद्वाज विशेष तौर पर शामिल हुए। डॉक्टर भारद्वाज समाज व्दारा बे सराहा छोड़े गए लोगों के लिए ‘अपना घर’ नाम से संगठन चलाते है, जहां सभी बेसहारा लोगों को प्रभु के नाम से संबोधित किया जाता है। इस अवसर पर डॉक्टर भारद्वाज ने बताया कि वह अपना संगठन चलाने के लिए किसी से भी किसी तरह की सहायता नहीं लेते बल्कि किसी भी मदद के लिए ठाकुरजी को पत्र लिखते है जो सदैव उनकी मदद करते आ रहे हैं।
कार्यक्रम में दिल्ली के करीब 30 स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव संघ प्रमुख माननीय मोहन भागवत जी के समक्ष रखे। त्रिलोकपुरी दिल्ली में ‘नया रास्ता’ नाम से सामाजिक संगठन चलाने वाली रेणु सिंह ने बताया कि वह 10 वर्षों से पुनर्वास बस्ती में महिला सशक्तिकरण और बच्चों की शिक्षा के लिए काम कर रही हैं।
किशोर मंडल और किशोरी मंडल का गठन करके उनका संगठन बच्चों के भीतर संस्कार और सामाजिक सेवा का भाव भी जाग्रत कर रहा है। रेखा पुंडीर ने अपने अनुभव बताते हुए कहा कि उनका संगठन गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान कर उन्हें समाज का जिम्मेदार नागरिक बनाने की पहल कर रहा है।
बृजपुरी दिल्ली में ‘युवा शक्ति’ के नाम से संगठन चलाने वाले मोहित कुमार ने कहा दिल्ली में हुए दंगों के बाद उनके क्षेत्र में हिंदुओं के पलायन की समस्या खड़ी हो गई थी, जिसे उनके संगठन ने रोकने का काम किया। उनका संगठन धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से हिन्दू समुदाय में आत्मविश्वास का संचार करने का काम करता है।
‘छोटी सी आशा’ नाम के संगठन का संचालन करने वाली सुशीला ओम ने बताया कि उनके संगठन ने कोविड के समय लोगों को अस्पताल पहुंचाने से लेकर दवाइयां और भोजन प्रदान करने का काम किया। उनका संगठन श्रमिक तबके की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में जुटा है। वहीं पंडित हरी ओम ने बताया कि उनका संगठन योग, संगीत, हवन जैसी भारतीय परंपराओं के प्रसार के लिए दिल्ली के गरीब युवाओं के बीच काम कर रहा है।
गौतम नगर दिल्ली में ‘ज्वाइंट-टू-गेदर’ नाम से संगठन चलाने वाले अमित कुमार ने बताया कि गरीब मजदूरों के बच्चों को स्कूलों में दाखिले से लेकर उन्हें पाठ्य सामग्री और ड्रेस देकर उनका संगठन गरीब बच्चों को पढ़ाई के लिए जागरूक करने का काम कर रहा है।
कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंची ‘रसोई ऑन व्हील’ संगठन की प्रमुख मोनिका बधवार ने कहा कि गरीब और अभावग्रस्त बच्चों को पौष्टिक भोजन मुहैया कराने के लिए उनका संगठन कार्यरत है।
‘यूनाइटेड सिख’ संस्था के मुखिया जसपाल सिंह ने बताया कि भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में उनका संगठन लोगों के बीच सेवा का काम कर रहा है। दिल्ली के नत्थूपुरा में ‘राज बाला कोचिंग’ के नाम से संगठन चलाने वाली सविता ने बताया कि उनका संस्थान महिलाओं और बच्चों को फ्री कंप्यूटर शिक्षा देने का काम कर रहा है।
अरुण कुशवाह ने बताया कि उनका संगठन ‘संस्कार कर्म फाउंडेशन’ शारीरिक और मानसिक विकास के लिए लोगों के बीच योग सिखाने का काम कर रहा है। महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए भी उनका संगठन कार्य कर रहा है।
दिल्ली के चिल्ला गांव से आए सुनील ढेडा ने बताया कि उनका संगठन गौ माता की सेवा के लिए काम करता है जिन्होंने अभी तक 2 हजार बीमार गायों का उपचार किया। उनका संगठन बीमार पशुओं के इलाज के लिए पशु एंबुलेंस का भी संचालन करता है। कार्यक्रम में आईं डॉक्टर उर्वशी मित्तल ने कहा कि उनका संगठन बेटियों के विकास के लिए काम करता है उनकी पढाई, ट्रेनिंग और विवाह के लिए उनका संगठन कार्य कर रहा है।
जनकपुरी दिल्ली से आईं सोनिया ने बताया कि उनका संगठन मजदूरों के बच्चों को शिक्षित करने का काम कर है उनका प्रयास हैं कि इलाके का कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। नवादा दिल्ली के सम्यक जैन ने बताया कि ‘पारस सेवा संस्थान’ नाम से उनका संगठन बीमार और घायल पक्षियों का इलाज कर उन्हें मुक्त करने का काम करता है उनके संगठन ने 5200 से ज्यादा पक्षियों का इलाज कर उन्हें स्वतंत्र हवा में उड़ान भरने के लिए छोड़ा है। वहीं दिल्ली की वंदना वत्स ने बताया कि उनका संगठन ‘आद्य फाउंडेशन’ किन्नर और सेक्स वर्कर समाज के बच्चों को वहां के माहौल से दूर करके उन्हें शिक्षित बना कर पैरो पर खड़ा कर रहा है।
दिल्ली में ही दृष्टिहीन बच्चों के लिए काम करने वाले सुनील मिश्र ने बताया कि वह बिना किसी सरकारी मदद के दृष्टिहीन बच्चों को पढ़ा-लिखा कर सक्षम बना रहे है उनके संस्थान से निकले 100 से अधिक दृष्टिहीन बच्चे दिल्ली और केंद्र सरकार की नौकरियों में सेवारत है। बदरपुर दिल्ली से कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे सुनील चौटाला ने बताया कि उनका संगठन दिल्ली को हरा भरा बनाने के लिए वृक्षारोपण का काम करता है वह जन्मदिन और विवाह के अवसर पर लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करते हैं।
सुयश कार्यक्रम में पहुंची दिल्ली की रोशनी रहेजा ने बताया कि उनका संगठन ‘सुखमनी सेवा आर्गेनाइजेशन’ दिल्ली के श्मशान घाटों से लावारिस शवों की अस्थियां एकत्र कर उनका गंगा घाट पर जाकर विधिवत संस्कार करने का काम करता है। वहीं कार्यक्रम में पहुंची 18 साल की दीक्षा ध्यानी ने बताया कि उनका संगठन बच्चों के जन्मदिन पर उन्हें केक काटने से रोकना किसी वृद्धाश्रम में जाकर जन्मदिन मनाने के लिए प्रेरित करता है।
जबकि कार्यक्रम में पहुंची कोमल राणा ने बताया कि उनका संगठन इलाके के श्रमिकों के बच्चों को एकत्र कर उन्हें पढ़ाने का काम करता है और उनके अंदर भारतीय संस्कृति के संस्कार डालने का प्रयास करता है। वहीं पुष्पा कौशिक ने बताया कि स्किल डेवलपमेंट स्कीम के अंतर्गत उनका संगठन महिलाओं को ट्रेनिंग देकर उन्हें आत्मनिर्भर बना रहा है।
कार्यक्रम में पहुंची घुमंतू लोहार समुदाय कि बेटी सिमरन ने बताया कि आज घुमंतु समाज के बच्चे भी उच्च शिक्षा लेकर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो रहे है। सिमरन के बताया कि वह अपने समाज के बच्चों को शिक्षा के लिए जागरूक करने का काम कर रही है।
दिल्ली के मुखर्जी नगर से कार्यक्रम में पहुंचे सुमन कुमार ने बताया कि उनका संगठन दिल्ली के स्लम इलाकों में बच्चों की शिक्षा और पौधारोपण के लिए काम कर रहा है। शास्त्री नगर दिल्ली से कार्यक्रम में पहुंचे चंद्रशेखर ने बताया कि उनका संगठन श्मशान घाटों पर लकड़ी, पानी, विश्राम स्थल, साफ सफाई और व्यवस्था के लिए काम करता है।
नजफगढ़ से आए मनोज कुमार ने अपने अनुभव बताते हुए कहा कि उनका संगठन इलाके में एक वृद्धाश्रम का संचालन करता है जहां बुजुर्गों को सभी सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध है। कराला दिल्ली से पहुंचे प्रदीप माथुर ने बताया कि उनका संगठन युवाओं को नशा मुक्ति और संस्कार के लिए काम करता है।
वहीं दिल्ली के मंडावली से सुयश कार्यक्रम में पहुंचे पंकज कुमार ने बताया कि उनका संगठन विजय फाउंडेशन स्वच्छता, वृक्षारोपण, नारी सशक्तिकरण और बाल शिक्षा के क्षेत्र में काम करता है। सुयश कार्यक्रम में पहुंची ‘परम शक्तिपीठ’ की साध्वी सत्यप्रिया ने बताया कि उनका संगठन समाज द्वारा त्यागे गए बच्चों को पढ़ाने और उन्हें देश का अच्छा नागरिक बनाने के लिए काम करता है।
इससे पूर्व सुयश कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दिल्ली प्रांत कार्यवाह भारत भूषण जी ने कहा कि कोरोना के समय में जिस तरह से संघ के कार्यकर्ताओं ने अपने जीवन की परवाह न करते हुए समाज सेवा का कार्य किया वह अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि समाज सेवा के लिए हमें सरकार या प्रशासन की तरफ मुंह नहीं ताकना चाहिए बल्कि स्वयं पहल करके लोगों को राहत पहुंचाने का काम करना चाहिए।
श्री भारत भूषण जी ने कहा कि कोरोना काल में संघ कार्यकर्ताओं ने केवल मानव जाति की सेवा ही नहीं की बल्कि पशु-पक्षियों और बेजुबान जानवरों की भी सेवा करके एक मिसाल कायम करने का काम किया। उन्होंने बताया कि समाज उपयोगी युवा शक्ति नाम से जो सुयश संगठन बना है वह सामाजिक सेवा, धार्मिक क्रियाकलाप, पर्यावरण गतिविधियां, सेवा बस्तियों में सेवा कार्य जैसे कार्य करने वाले संगठनों के साथ खड़ा है। सुयश के साथ मिलकर सभी सेवा संगठन अगर समाज सेवा का काम करेंगे तो राष्ट्र उन्नति करेगा।
अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित सुयश के इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक की यमुना विहार विभाग से 71 लोगों ने हिस्सा लिया जबकि वहां से 97 प्रतिभागी आने थे। पूर्वी विभाग से 145 प्रतिभागियों की अपेक्षा 114 प्रतिभागी कार्यक्रम में शामिल हुए। जबकि दक्षिणी विभाग से 82 प्रतिभागियों की अपेक्षा 64 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। जबकि रामकृष्णपुरम विभाग से 60 प्रतिभागियों के स्थान पर 79 प्रतिभागी पहुंचे। पश्चिमी विभाग से 93 प्रतिभागियों के 105 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। केशवपुरम विभाग से 102 प्रतिभागियों की अपेक्षा 82 ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। उत्तरी विभाग से 100 प्रतिभागियों ने हिस्सा लेकर 100 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज की। जबकि झंडेवालान विभाग से 136 प्रतिभागियों के स्थान पर 92 प्रतिभागियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में 818 प्रतिभागियों की अपेक्षा में 707 प्रतिभागियों ने हिस्सा लेकर संघ प्रमुख माननीय श्री मोहन भागवत जी के विचारों को सुना।
सुयश कार्यक्रम में आए सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद अदा करते हुए दिल्ली प्रांत के संघचालक श्री कुलभूषण आहूजा जी ने कहा कि सुयश के साथ जुड़े सभी सामाजिक संगठनों के सेवा कार्यों की हर स्तर पर मदद की जाएगी और सेवा कार्यों के माध्यम से समाज को सशक्त बनाया जाएगा।