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मनुष्यत्व, मुमुक्षत्व और महापुरुष संश्रय के बिना ईश्वर कृपा नहीं– डॉ. मोहन जी भागवत

नरसिंहपुर (बरमान) – माँ नर्मदा की परिक्रमा में निकले महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी ईश्वरानंद जी ‘उत्तम स्वामी जी’ महाराज व उनके साथ परिक्रमा कर रहे 182 परिक्रमावासियों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत नरसिंहपुर जिले के बरमान घाट पर जाकर भेंट की.

परिक्रमवासियों को संबोधित करते हुए डॉ. मोहन जी भागवत ने कहा कि अच्छी बुद्धि होना ये एक भाग्य है. नर्मदा परिक्रमा का विचार आपके मन में आया और आप स्वामी जी के साथ हो लिए इसमें दो अच्छे काम हुए– एक तो हम लोग भारत के हैं और भारत प्रेम, भक्ति और वैराग्य का देश है दुनिया में रहके भी दुनिया आज है कल नहीं है ऐसा होता है ये जानके रहना और प्रेम के साथ रहना भक्ति के साथ रहना ये गुण देने वाली नर्मदा जी हैं. उसकी आज परिक्रमा कर रहे हैं.

आगे उन्होंने कहा तीन बात है बिना ईश्वर के कृपा लाभ नहीं होता मनुष्यत्व, मुमुक्षत्व और महापुरुष संश्रय। मनुष्यत्व तुमको मनुष्य जन्म मिला है अब ये काम करने का आपके मन में आया इसका मतलब कहीं न कहीं आपके मन में मुमुक्षत्व याने इस दुनियादारी से अलग ऊपर उठकर रहने की इच्छा है, वो भी आपको मिल गया और तीसरा आप स्वामी जी के साथ है हो लिए तो महापुरुष का आश्रय आपको प्राप्त हो गया. ये बड़ी ईश्वर कृपा है बिना ईश्वर को पाए तीनों होते नही तो ऐसे ही ईश्वर की कृपा जिन पर है ऐसे एक नहीं दो नहीं ऐसे 182 लोगो का दर्शन करके मैं धन्य हो गया कृतार्थ हो गया. मैं आपके प्रति और स्वामी जी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ.

संबोधन के पश्चात डॉ. भागवत जबलपुर के लिए प्रस्थान किये.