दुनिया संकट में है, अब वह भारत की तरफ देख रही है : डॉ. मोहन भागवत 

जबलपुर। बोचासनवासी अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण (BAPS) श्री स्वामिनारायण संस्था द्वारा आयोजित पाँच दिवसीय “जीवन उत्कर्ष महोत्सव” का भव्य शुभारंभ आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परम् पूज्यनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन जी भागवत ने होटल विजन महल, जबलपुर में भक्तिभाव, संस्कार और उत्साहपूर्ण वातावरण में किया। 

वर्तमान परिदृश्य में पूरी दुनिया संकट में है और भारत की तरफ देख रही है। इसका कारण है हमारी संस्कृति, जो संतों की देन है। उक्त विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने बीएपीएस श्री स्वामी नारायण संस्था द्वारा आयोजित पांच दिवसीय जीवन उत्कर्ष महोत्सव के शुभारंभअवसर पर तिलहरी स्थित विजन महल होटल में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति ही ऐसी संस्कृति है जो सभी के कल्याण की कामना करती है। संतों द्वारा की गई तारीफ पर डॉ. भागवत ने कहा कि दूसरे के गुणों को परमाणु से पहाड़ बनाना संतों का काम है। उन्होंने प्रमुख स्वामी जी महाराज का जिक्र करते हुए कहा कि संत और भगवंत में अंतर नहीं होता। ऐसे संत युगों-युगों में आते हैं। भले ही वे हमारे बीच नहीं रहते, लेकिन उनकी सूक्ष्म अनुभूति होती रहती है। यदि हम उनके बताए मार्ग का अनुसरण करें तो संपूर्ण मानव जाति का कल्याण कर सकते हैं। दरसअल जीवन उत्कर्ष महोत्सव का आयोजन महंत स्वामी महाराज की जन्मभूमि में हो रहा है, जो बीएपीएस संस्था के वर्तमान आध्यात्मिक गुरु हैं, जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन सेवा, साधना, सत्संग और संस्कार के प्रसार के लिए समर्पित किया है। वहीं प्रातः कालीन सत्र में आदर्श जीवन स्वामी द्वारा महंत चरितम विषय पर प्रेरणादायक परायण संपन्न हुआ।

दिव्य विभूति थे प्रमुख स्वामी जी महाराज

डॉ. भागवत ने कहा कि प्रमुख स्वामी जी महाराज दिव्य विभूति थे। उनका संपूर्ण जीवन मानव कल्याण और भारतीय संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन के लिए समर्पित था। स्वामी जी का अपनत्व अद्भुत था, कोई भी व्यक्ति उनके पास चला जाए, उसे उनसे स्नेह ही प्राप्त होता था। उन्होंने कहा कि संस्कृति, संस्कार युक्त आचरण से हम समाज में अच्छे कार्य करने की प्रेरणा ऐसे संतों से ले सकते हैं। डॉ. भागवत ने महंत स्वामी महाराज के जीवन से प्रेरणा लेने आह्वान किया तथा राष्ट्र निर्माण में आध्यात्मिकता के योगदान पर प्रकाश डाला।

पुस्तक संत विभूति प्रमुख स्वामी महाराज का लोकार्पण

कार्यक्रम में आत्मतृप्त स्वामी जी ने संस्कृति के ज्योतिर्धर प्रमुख स्वामी महाराज पर प्रेरण वक्तव्य दिया। इस दौरान संत प्रमुख स्वामी महाराज के जीवन पर साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित पुस्तक संत विभूति प्रमुख स्वामी महाराज का लोकार्पण संतों एवं डॉ. भागवत ने किया। पुस्तक के लेखक भद्रेशदास स्वामी ने कृतज्ञता ज्ञापित की। वहीं आबूधाबी स्थित हिन्दू मंदिर के संचालक संत ब्रह्माबिहारी स्वामी ने भी प्रेरक उद्बोधन दिया। बीएपीएस संस्था की विश्वव्यापी सेवा प्रवत्ति के संयोजक वरिष्ठ संत ईश्वरचरण स्वामी ने संस्कारधानी की गरिमा का वर्णन किया।

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