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Year: 2022

“एक बार विदाई दे माँ, घूरे आसी..हंसी हंसी पोरबो फांसी देखबे भारतबासी -महा महारथी श्रीयुत खुदीराम बोस”

डाॅ. आनंद सिंह राणा (ओ माँ मुझे एक बार विदा दो तनिक घूमकर आता हूँ.. हँसता हँसता फांसी के फंदे...

स्वातन्त्र्य वीर सावरकर : इतिहास की काल कोठरी में दमकता हुआ हीरा – २

यदि सावरकर दोषी होते तो क्या सर्वोच्च न्यायालय उन्हें अपराधी सिध्द नहीं करता? और यदि वीर सावरकर क्रान्तिकारी नहीं होते...

स्वातन्त्र्य वीर सावरकर : इतिहास की काल कोठरी में दमकता हुआ हीरा – १

- कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल भारतीय राजनीति में स्वातन्त्र्य वीर विनायक दामोदर सावरकर का नाम सदैव चर्चा में रहता है। मात्र...